logo-image

कोरोना महामारी की वजह से दुनियाभर में डिप्रेशन के मामले बढ़े, मेंटल हेल्थ को इस तरह बेहतर बनाएं 

मनोरोग विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना की वजह से लोगों के मन में एक डर बैठ गया था.लोग लंबे समय तक घरों में कैद थे और मौतों का सिलसिला जारी था. इसका मानसिक असर पड़ा है. 

Updated on: 22 Mar 2022, 11:03 PM

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से आम जनता की जीवनशैली में बड़ा बदलाव आया है. बीते दो वर्षों के अंदर मानसिक परेशानियों (Mental Problems) के मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. इनमें ज्यादातर रोगियों में एंग्जायटी (Anxiety) और डिप्रेशन (Depression) के लक्षण देखे गए हैं. कोरोना वायरस का असर लोगों की शारीरिक (Physical health) और मेंटल हेल्थ दोनों पर पड़ा है. फिजिकल हेल्थ पर तो लोग ध्यान  देते हैं, लेकिन मेंटल हेल्थ पर कोई ध्यान नहीं रहता है. इस वजह से उनको अन्य कई  बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. आइए जानते हैं कि किस तरह से मेंटल हेल्थ को  बेहतर बनाया जा सकता है. 

विशेषज्ञों के अनुसार जीवनशैली में बदलाव के कारण आज हर आयु वर्ग में मानसिक समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं. यह परेशानी धीरे-धीरे शरीर में बढ़ती जा रही है और अगर समय पर इसका ध्यान न दिया जाए तो ये काफी गंभीर हो जाती है. हालांकि इसके शुरुआती लक्षण का आसानी से पता लगाया जा सकता है. अगर किसी के व्यवहार में अचानक बदलाव होता है या शख्स खुद को अन्य लोगों से दूर करने लगे या हमेशा मन में कोई डर बना रहे, तो ये शुरुआती लक्षण हो सकते हैं.

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक अध्ययन किया है. इसके मुताबिक, कोरोना महामारी के बाद दुनियाभर में चिंता और अवसाद के मामलों में 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. बच्चे हों, बुजुर्ग या ऑफिस जाने वाले युवा सबकी मानसिक सेहत पर काफी असर देखा गया है. नींद न आना, घबराहट, चिंता, स्ट्रेस और भूख के पैटर्न में बदलाव जैसी परेशानियां अब काफी आम हो गई है.

टेली मेडिसिन से मदद ले सकते हैं मरीज 

विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना काल में कई मरीज इलाज को लेकर अस्पताल आने से बच रहे   थे. ऐसे रोगियों के लिए टेली साइकेट्री काफी असरदार साबित हुआ है. बीते कुछ समय से ऐसे मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है, जो टेली साइकेट्री की सुविधाएं ले रहे हैं. इसके जरिए मरीज घर पर बैठकर ही डॉक्टरों से सलाह ले रहे हैं. इससे दुनियाभर में मानसिक  स्वास्थ्य समस्याओं का हल करने का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा.