कोरोना के बाद इस वायरस ने लोगों को हैरत में डाला, दो की मौत
कोरोना के बाद अब एक और वायरस का नाम परेशान करने वाला है. कोविड-19 के प्रकोप के कारण पूरी दुनिया बीते दो सालों से जूझ रही है. वहीं अब ताजा वायरस ने लोगों को हैरत में डाल दिया है.
highlights
- दोनों के संपर्क में आने वाले लोगों को आईसोलेट कर दिया है
- इबोला वायरस की दुनिया से जुड़ा है जानलेवा मारबर्ग वायरस
- मारबर्ग इबोला से भी अधिक तेजी से फैलाता है
नई दिल्ली:
कोरोना के बाद अब एक और वायरस का नाम परेशान करने वाला है. कोविड-19 (Covid-19) के प्रकोप के कारण पूरी दुनिया बीते दो सालों से जूझ रही है. वहीं अब ताजा वायरस ने लोगों को हैरत में डाल दिया है. मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) का मामला अफ्रीकी देश घाना से आया है. इसके अब तक दो मामले सामने आए हैं. रिपोर्ट के अनुसार घाना (Ghana) में बीते माह में दो लोगों की मौत हो गई थी. उनकी जांच रिपोर्ट अब सामने आ चुकी है. वे पॉजिटिव पाए गए. उनमें से एक की उम्र 26 साल और दूसरे की उम्र 51 वर्ष बताई गई है. प्रशासन ने दोनों के संपर्क में आने वाले लोगों को आईसोलेट कर दिया है. हालांकि अब तक उन लोगों में कोई लक्षण नहीं देखा गया है.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) भी इसे लेकर अलर्ट मोड में है. डब्लूएचओ के अनुसार,'हेल्थ अथॉरिटी इसे लेकर अलर्ट हो चुकी है ताकि अगर वायरस तेजी से फैलता है तो तुरंत कार्रवाई हो सके. मारबर्ग को लेकर तुरंत सतर्कता बरती गई. इस वायरस के तेजी से फैलने पर हालात बेकाबू हो सकते हैं.. डब्लूएचओ हेल्थ अथॉरिटी को सहायता कर रहा है और हालात को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है.
इबोला जैसा खतरनाक है मारबर्ग
अब तक इबोला वायरस दुनिया में सबसे अधिक जानलेवा है. इबोला Filoviridae फैमिली से जुड़ा है. वहीं मारबर्ग भी इसी वर्ग से आता है. ऐसे में ये दोनों ही वायरस काफी खतरनाक हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि मारबर्ग इबोला से भी अधिक तेजी से फैलाता है. ऐसे में इस पर काबू करना जरूरी है नहीं तो ये घातक सिद्ध हो सकता है. गौरतलब है कि इबोला वायरस का मामला सबसे पहले 1976 में कांगो और सूडान में आया था. मगर 2014 और 2016 के बीच पश्चिम अफ्रीका में इबोला संक्रमण के मामले तेजी से सामने आए. करीब 28 हजार मामले सामने आए.
मारबर्ग के लक्षण क्या हैं?
मारबर्ग से संक्रमित होने वालों को बुखार, तेज सिरदर्द, डायरिया, शरीर में दर्द, उल्टी, मल में खून आना जैसे लक्षण होते हैं. इसके अलावा नाक या अन्य जगहों से भी खून का रिसाव हो सकता है. मारबर्ग वायरस तेजी से फैलता है. ऐसे में लोगों कोरोना की तरह तरह इस बीमारी से भी सतर्कता बरतनी चाहिए.
मारबर्ग का पहला मामला
मारबर्ग वायरस का पहला मामला 1967 में जर्मनी में सामने आया. तब जमर्नी के फैंकफर्ट और बेलग्रेड में कुल 31 लोग इसकी चपेट में आए. इनमें से 7 लोगों की मौत हो गई. यह संक्रमण अफ्रीकन ग्रीन बंदर के जरिए आया. फिर 2021 सितंबर में इसके मामले अंगोला, कांगो, केन्या, दक्षिण अफ्रीका और युगांडा में देखने को मिला था.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Vindu Dara Singh Birthday: मुस्लिम लड़की से शादी करके पछताए विंदू दारा सिंह, विवादों में रही पर्सनल लाइफ
-
Heeramandi: सपने में आकर डराते थे भंसाली, हीरामंडी के उस्ताद इंद्रेश मलिक ने क्यों कही ये बात
-
Sonali Bendre On South Cinema: बहुत मुश्किल है साउथ फिल्मों में काम करना, सोनाली बेंद्रे ने क्यों कही ये बात?
धर्म-कर्म
-
Shani Jayanti 2024: ये 4 राशियां हैं शनिदेव को बहुत प्रिय, शनि जयंती से इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन!
-
Aaj Ka Panchang 6 May 2024: क्या है 6 मई 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल
-
Love Rashifal 6 May 2024: इन राशियों का आज पार्टनर से हो सकता है झगड़ा, जानें अपनी राशि का हाल
-
Somwar Ke Upay: सोमवार के दिन करें ये चमत्कारी उपाय, शिव जी हो जाएंगे बेहद प्रसन्न!