कोरोना और डेंगू के बाद अब टोमैटो फ्लू ने दी दस्तक, बच्चों के लिए बनी आफत
कोरोना (Corona) और डेंगू बुखार (dengue Fever) से अभी निजात भी नहीं मिली है कि अब टोमेटो फ्लू (Tomamo Flue) की दस्तक ने लोगों के होश उड़ा दगिए हैं. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में इन दिनों तेजी के साथ टोमेटो फ्लू का प्रकोप बढ़ रहा है.
ग्वालियर:
कोरोना (Corona) और डेंगू बुखार (dengue Fever) से अभी निजात भी नहीं मिली है कि अब टोमेटो फ्लू (Tomamo Flue) की दस्तक ने लोगों के होश उड़ा दगिए हैं. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में इन दिनों तेजी के साथ टोमेटो फ्लू का प्रकोप बढ़ रहा है. यहां के एक अस्पताल में करीब 10 से 15 फीसदी बच्चे टोमैटो फ्लू से पीड़ित आ रहे हैं. इस बुखार को टोमेटो फीवर इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि टोमेटो फिलू से पीड़ित बच्चों के शरीर पर लाल टमाटर जैसे निशान उभर आतें हैं. डॉक्टरों का कहना है कि इस बुखार से घबराने की बजाए बच्चों के खानपान पर ध्यान रखें और बुखार आने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. अभी तक टोमेटो फीवर 6 साल तक के बच्चों में मिल रहा था, लेकिन अब यह 10 साल तक के बच्चों में भी दिखाई दे रहा है.
एक के बाद एक बीमारी ने आम आदमी की कमर तोड़ कर रख दी है. हालात ये है कि न खुद स्वस्थ रह पा रहे हैं और न ही बच्चे ठीक से पढ़ और खेल पा रहे हैं. पहले कोरोना ने लोगों को परेशान किया फिर डेंगू ने अपना कहर बरपाया और अब बच्चों में टोमैटो फीवर होने लगा है. ग्वालियर के एक अस्पताल की ओपीडी में रोज 10 से 15 फीसदी बच्चे टोमैटो फीवर के आ रहे हैं. इस बीमारी से पीड़ित बच्चों में टमाटर जैसे लाल चकत्ते पड़ जाते हैं, जिसकी वजह से बोलचाल की भाषा में इसे टमैटो फीवर कहा जाता है.
कैसे पहचानें टोमैटो फीवर
टोमेटो फीवर को एचएफएमडी यानी हैंड फुट माउथ डिजीज कहा जाता है, क्योंकि यह हाथ, पैर, सीने, जुबान पर ही अटैक करती है. यह बीमारी कॉक्स सेकसी वायरस से होती है. इस बीमारे के बारे में बताते हुए ग्वालियर के सीएमएचओ ने बताया कि सामान्य तौर पर इसके जो लक्षण हैं. इसमें बुखार, सिर दर्द, उत्तेजना महसूस करना, गले में खराश, कमजोरी भूख की कमी, जीभ-गाल के अंदर छाले निकलना, दर्द होना आदि टोमेटो फीवर के प्रमुख लक्षण हैं. इसके अलावा नितंबों, पैरों के तलवों और कभी-कभी हथेलियों पर दाने निकल आते हैं. सामान्य तौर पर इन लक्षणों को देखने में 3 से 6 दिनों का समय लगता है. बच्चों में इस बीमारी से पहले बुखार आ सकता है.
5 से 7 दिन तक रहता है बुखार
वहीं, इस बीमारी को लेकर डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी का टमाटर से कोई संबंध नहीं, लेकिन टमाटर जैसे लाल-लाल निशान बन जाते हैं. इसलिए इसको टोमेटो फ्लू कहा जाने लगा है. सामान्यता यह एक वायरल फीवर है, जो 5 से 7 दिन तक चलता है. सामान्य तौर पर इन लक्षणों को दिखने में 3 से 6 दिनों का समय लगता है. बच्चों में पहले बुखार आ सकता है. टोमैटो फीवर से पीड़ित बच्चों को सामान्य उपचार पैरासिटामोल, आरा और तरल पदार्थ दिए जाते हैं. लक्षण वाले बच्चों को 7 दिन क्वारंटाइन कर देना चाहिए. डॉक्टरों का कहना है कि टोमेटो फीवर से बचने के लिए खास सावधानियां बरतना जरूरी है.
ऐसे फैलता टोमेटो फीवर
गंदगी वाली स्थानों पर खाने पीने की चीजों से यह रोग फैलता है. बच्चे खिलौने, खाना और कपड़े से लेकर कई चीजें शेयर करते हैं, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है. यह अन्य वायरल संक्रमणों की तरह यह भी निकट संपर्क से फैलता है. एक संक्रमित बच्चा दूसरे को छू ले तो इससे भी यह रोग फैलता है.
टोमेटो फ्लू से ऐसे बचाएं बच्चों को
1- बच्चे के शरीर पर लाल चकत्ते दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
2- अगर बुखार के साथ रैशेज हैं, तो बच्चे को आइसोलेट कराएं, जब तक रैशेज न चले जाएं.
3- संक्रमित बच्चे के खिलौने, कपड़े, खाना और दूसरी चीज़ें स्वस्थ बच्चों के साथ शेयर न करें.
4- बच्चों को साफ-सफाई के बारे में बताएं.
5- घर में साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें.
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