अगर नहीं करते वसा को अपनी आहार में शामिल तो हो जाइये सावधान
बढ़ता वजन और मोटापा आजकल एक बड़ी समस्या के रूप में उभरता हुआ नजर आ रहा है। वजन कम हो या ज्यादा तब भी वे समस्या बन जाता है।
नई दिल्ली:
बढ़ता वजन और मोटापा आजकल एक बड़ी समस्या के रूप में उभरता हुआ नजर आ रहा है। मोटापा न सिर्फ वयस्कों में बल्कि बच्चों में भी तेजी से बढ़ रहा है।
WHO के मुताबिक दुनियाभर में 42 मिलियन पांच साल के बच्चे मोटापे का शिकार है।
बच्चों में मोटापे से उन्हें गंभीर रोग जैसे डायबिटीज और दिल संबंधी बीमारियों के होने का खतर कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है।
वजन को सामान्य रखने के लिए फैट और कार्बोहायड्रेट का सही इस्तेमाल अपनी आहार में करना चाहिए।
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एक शोध में ये बात सामने आई है कि कम वसा (फैट) और ज्यादा कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार लेने वालों की उम्र पनीर और मक्खन जैसे समृद्ध वसा वाले चीजों का सेवन करने वालों की तुलना में कम होती है।
यह अध्ययन उस प्रचलित अवधारणा के उलट बताता है कि वसा की उच्च मात्रा (ऊर्जा का 35 प्रतिशत) मृत्यु के जोखिम को कम करती है।
कनाडा के मैकमास्टर यूनिवर्सिटी के प्रमुख महशीद दहघान ने कहा, 'वसा के सेवन में कमी से कार्बोहाइड्रेट की खपत बढ़ जाती है और हमारे निष्कर्ष यह बताते हैं कि दक्षिण एशियाई जैसे इलाके के लोगों (जो बहुत अधिक वसा को शामिल नहीं करते है, बल्कि कार्बोहाइड्रेट का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं) में मृत्यु दर अधिक क्यों होती है।'
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(इनपुट- आईएएनएस)
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