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आयुर्वेद के अनुसार कॉफ़ी है हर बीमारी का इलाज, इतिहास था एक बकरी से

लेकिन कॉफ़ी को सीमित मात्रा में ही पीन चाहिए. ध्यान रहे कि जिनको माइग्रेन की दिक्कत है उनको कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए. माइग्रेन में कॉफ़ी दर्द को ट्रिगर करता है.

Updated on: 24 Mar 2022, 02:33 PM

highlights

  • कॉफी पीने का इतिहास एक बकरी चराने वाले के साथ शुरू हुआ था
  • माइग्रेन में कॉफ़ी दर्द को ट्रिगर करता है
  • दिमाग बेहतर तरीके से काम करता है

New Delhi:

कॉफी ( Coffee benefits ) दुनिया में सबसे ज्यादा डिमांड मांगने वाली चीज़ है. कॉफी पीने का इतिहास एक इथियोपियाई बकरी चराने वाले के साथ शुरू हुआ था, जिसने पहली बार कॉफी बीन्स के प्रभावों की खोज की थी. कल्दी नाम का चरवाहा जब अपनी बकरियों को चराने मैदान में गया तो देखा कि उसकी बकरियों ने किसी जंगली पौधे को चबा लिया है और इसके बाद उनमे इतनी एनर्जी भरगई और वे जोर-जोर से कूदने लगीं थी. उसे लगा शायद बकरियों ने किसी नशीले पौधे को खा लिया है जिस वजह से वे कूद-फांद कर रही हैं और इसके बाद चरवाहा ने अपने एक लोकल पादरी को  इस पूरी हटना के बारे में बताया. 

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पादरी ने फलियों को उबाला और इस ड्रिंक का सेवन किया, जिसके बाद उनमें शाम को एनर्जी आ गई. पादरी के बाद बाकी साथियों सभी ने कॉफी बीन का ड्रिंक पीना शुरू कर दिया और फिर धीरे-धीरे दुनिया भर के लोग इसे एनर्जी का स्रोत मानने लगे. जानकरों के मुताबिक आयुर्वेद के अनुसार कॉफ़ी सेहत के लिए फायदेमंद है. तो चलिए बताए हैं कुछ ऐसे ही फायदे जो आपको मिल सकते हैं. लेकिन कॉफ़ी को सीमित मात्रा में ही पीन चाहिए. ध्यान रहे कि जिनको माइग्रेन की दिक्कत है उनको कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए. माइग्रेन में कॉफ़ी दर्द को ट्रिगर करता है. 

 फ्री रेडिकल्स से बचाती है कॉफी

पॉलीफेनोल्स पौधों में पाए जाने वाले यौगिक होते हैं जिनमें हाई एंटीऑक्सीडेंट एक्टीविटी होती है, जो नुकसान पहुंचाने वाले मुक्त कणों का अंदर से मुकाबला कर सकते हैं. कॉफ़ी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स आपके शरीर को बाकी सभी विषैले पदार्थ से बचाते हैं. 

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​रोज कॉफी पीने के फायदे

कॉफी पीने से शरीर में अलर्टनेस आ जाती है.
दिमाग बेहतर तरीके से काम करता है. 
सोचने-समझने की शक्ति दुरुस्त हो जाती है और स्किल में सुधार होता है.
टाइप टू डायबिटीज का खतरा कम रहता है. (बिना शुगर के ली जाए)
डिप्रेशन का खतरा भी कम रहता है.
लिवर डैमेज और कोलोरेक्टल कैंसर का जोखिम कम रहता है.

​आयुर्वेद के अनुसार कॉफी

कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक आयुर्वेद कॉफी को सबसे अच्छी दवा के रूप में देखता है. बाकी दूसरी दवाओं की तरह इसके प्रभावों की निगरानी करना भी जरूरी है. कॉफ़ी डाइजेस्टिव सिस्टम ठीक करता है. ध्यान रहे कि ज्यादा कफ का सेवन गुस्सा, स्ट्रेस को भी बढ़ावा देती है. इसलिए एक सीमित मात्रा में कॉफ़ी का सेवन करना चाहिए.