स्वास्थ्य के मामले में महिलाओं और पुरुषों दोनों को समान रूप से सजग रहना चाहिए। महिलाएं अक्सर लापरवाही के कारण अपनी सेहत की ओर ध्यान नहीं देती हैं तो पुरुष संकोच में। दोनों की तरीके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकते है। संकोच और लापरवाही के कारण आप बीमारी को ना सिर्फ बढ़ावा देते है, इलाज की संभावनाओं को भी खत्म कर देते है। आज हम आपको पुरुषों से जुड़ी कुछ बीमारियों और उनके लक्षणों के बारे में बता रहें हैं:-
पायलोनिडल साइनस
पुरुषों के नितंबो के ऊपर ज्यादातर एक छोटा सा सिस्ट हो जाता है। पुरुष अक्सर इसे नरजंदाज कर जाते है। पर इसके गंभीर परिणाम हो सकते है। सिस्ट के कारण उठने-बैठन, खून-मवाद आदि निकलने जैसी समस्याएं होती है। इसके कारण बाल तोड़ भी हो सकता है। अगर ठीक समय पर इनका इलाज नहीं किया जाए तो इसका ऑपरेशन करना पड़ सकता है।
थायरॉइड
थायरॉइड की समस्या र 20 से 40 साल की उम्र के बीच पुरुषों के बीच सबसे अधिक होती है। थॉयराइड की समस्या में शरीर में सूजन, जोड़ों में दर्द, फोकस करने में परेशानी आदि होना मुख्य लक्षण माने जाते है। इसके कारण पुरुषों में भूख का सिस्टम भी असंतुलित हो जाता है।
स्लीप एप्निया
पुरुषों में महिलाओं की तुलना में स्लीप एप्निया का खतरा दुगुना होता है। इसमें नींद के दौरान सांस लेने में अक्सर जो दिक्कत महसूस होती है। तेज खर्राटों की गंभीर समस्या, सांस ना आने पर हांफते हुए जग जाना, दिन के समय नींद आना और सिरदर्द इसके कुछ सामान्य लक्षण हैं।
टेस्टिक्यूलर कैंसर
पेट के निचले हिस्से या जनांनगों में खिंचाव, कमर में दर्द, सांस लेने में तकलीफ होना, सीने में दर्द, पैरों में सूजन, टेस्टिक्यूलर कैंसर के कुछ लक्षण हैं। साथ ही टेस्टिकल्स के दूसरे हिस्से में पीड़ारहित गांठ और सूजन इसके अन्य लक्षण हैं।
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कोलोरेक्टल कैंसर
कोलोरेक्टल कैंसर ज्यादतार पुरुषों में नजर आता है। निम्न फाइबर युक्त भोजन करना, शराब और सिगरेट का सेवन पुरुषों में काफी अधिक होता है। पेट में लगातार होने वाला दर्द, थकान, मल में रक्त का आना, शौच की आदतों में बदलाव होना, दस्त, और बिना वजह वजन का कम हो जाना, ऐसे लक्षण हैं जिन पर नजर रखने की जरूरत है।
दिल का दौरा
महिलाओं की तुलना में पुरुषों को हार्ट अटैक पड़ने का खतरा ज्यादा रहता है। शरीर का कोलेस्ट्रोल बढ़ने के कारण दिल की धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं जिससे हार्ट अटैक होने का खतरा बढ़ जाता है। संतुलित खाने और एक्सरसाइज के जरिए इस समस्या से निपटा जा सकता है।
सीओपीडी
यह एक फेफड़े की बीमारी होती है। जो ज्यादा धूम्रपान के कारण होती गै। तंबाकू-गुटखा, सिगरेट आदि के सेवन से विषैले पदार्थ मर्दों के फेफड़ों को प्रभावित करते हैं। जिससे फेफड़ों की कोशिकाएं सही तरह से काम नहीं कर पाती और रक्त में ऑक्सीजन की कमी हो जाने पर सांस लेने में समस्या हो जाती है।
IANS के इनपुट के साथ
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Source : News Nation Bureau