भारत में Covid Vaccination Programme शुरू होने से पहले रविवार को स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि पहले और दूसरे बूस्टर खुराक के बीच 21 दिन का आदर्श अंतर होना चाहिए. इसके अलावा जिन लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी, उन्हें स्वास्थ्य संबंधी स्वच्छता बनाए रखना जरूरी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा कि प्राथमिकता वाले आबादी समूहों में 30 करोड़ लोगों को सूचीबद्ध किया गया है, जिसमें एक करोड़ स्वास्थ्य कार्यकर्ता, पुलिस विभाग के दो करोड़ कर्मचारी, सशस्त्र बल, होम गार्ड, नागरिक सुरक्षा संगठन और 27 करोड़ ऐसे लोग हैं जिनकी उम्र 50 से अधिक और जिनकी उम्र 50 से कम है, लेकिन अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं.
गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में पल्मोनोलॉजी के निदेशक डॉ. मनोज गोयल का कहना है कि पहली खुराक लेने के बाद आदर्श तौर पर दूसरी खुराक 21वें दिन लेना होता है. गोयल बोले, वैक्सीनेशन के बाद कोई भी व्यक्ति अपने रोजाना के काम को फिर से शुरू कर सकता है. घर पर बैठने जैसा कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं और लोग सामाजिक दूरी, मास्क पहनना और हाथों को बार-बार साफ रखने जैसी एहतियातों का पालन करने के साथ अपना काम कर सकते हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि करीब 1.54 लाख वैक्सीनेटर या सहायक नर्स दाइयों का प्रबंध वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू होने पर यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम के तहत लोगों को कोविड -19 वैक्सीन लगाने के लिए किया जाएगा. नई दिल्ली में श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में माइक्रोबायोलॉजी की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. ज्योति मुत्ता का कहना है कि ऐसे कई वैक्सीन हैं, जिनके अलग-अलग शेड्यूल हैं और ये वैक्सीन शेड्यूल क्लीनिकल ट्रायल से तय किए जाते हैं.
उन्होंने कहा, फाइजर वैक्सीन की बात करें तो, दो खुराकों के बीच 21 दिनों के गैप का सुझाव दिया गया है, वहीं एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के लिए दो खुराकों के बीच 28 दिनों का गैप सुझाया गया है. डॉ. मुत्ता ने यह भी कहा कि घर पर रहने जैसे विशेष रूप से एहतियाती उपाय के बारे में नहीं कहा गया है, लेकिन पूरी देखभाल की सिफारिश की गई है.
गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में संक्रामक रोग चिकित्सक डॉ. नेहा गुप्ता ने बताया, दो खुराकों के बीच 21 दिन के अंतराल की जरूरत होती है. आमतौर पर दूसरी खुराक के सात दिन बाद सुरक्षात्मक प्रभावकारिता होती है. इसलिए वैक्सीन की पहली खुराक के बाद रोगियों के लिए एहतियात बरतना जरूरी है."
इनमें एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय विकसित और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया निर्मित कोविशिल्ड, भारत बायोटेक लिमिटेड की कोवैक्सिन, जाइडस कैडिला द्वारा जाइकोव-डी, रूसी वैक्सीन उम्मीदवार स्पुतनिक-5, एसआईआई की एनवीएक्स-कोव2373, जिनेवा की एचजीसीओ19, और दो बिना लेबल वाले वैक्सीन, जिनमें बायोलॉजिकल ई लिमिटेड की रिकॉम्बिनेंट प्रोटीन एंटीजन आधारित वैक्सीन और भारत बायोटेक की इनएक्टिव रेबीज वेक्टर है.
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और हैदराबाद स्थित फार्मास्युटिकल फर्म भारत बायोटेक ने पहले ही ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) को आवेदन दिया है. वे संभावित कोविड-19 वैक्सीन के लिए आपातकालीन उपयोग ऑथराइजेशन की मांग कर रहे हैं.
(With IANS Inputs)
Source : News Nation Bureau