भारत की अंग दान में स्थिति अच्छी नहीं है। ऑर्गन इंडिया के मुताबिक भारत में दो लाख कॉर्निया ट्रांसप्लांट की जरूरत है लेकिन सिर्फ 50 हजार कॉर्निया ही डोनेट हो पाते है।
ऐसे ही इस मामले से जुड़े कई आंकड़े बेहद चौका देने वाले है। आप न सिर्फ अंग दान करते है बल्कि किसी जरूरतमंद को नई उम्मीद और जीवन भी देते है।
ऐसा ही मामला सामने आया है। सूरत के दम्पत्ति ने अपने 14 महीने के मासूम को खो देने का दर्द झेलते हुए अंग दान करने की मिसाल पेश की है।
14 महीने का मासूम दुनिया को अलविदा कहने के बाद 2 जिंदगियां बचा गया।
सोमनाथ अपनी बहन के साथ खेलते-खेलते सीढ़ियों से गिर गया था जिसके कारण उसके सर पर गंभीर छोटे आई थी।
अस्पताल ले जाने पर पता चला कि सोमनाथ का ब्रेन डेड हो चुका है। इलाज के दौरान सितंबर 4 को सोमनाथ ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
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सोमनाथ के माता-पिता ने उसका लिवर, किडनी और हार्ट डोनेट कर जरूरतमंद को नया जीवनदान दिया।
सोमनाथ गुजरात का सबसे कम उम्र का ऑर्गन डोनर है। सोमनाथ ने मुंबई की तीन साल की बच्ची को नया जीवन दिया।
पिछले एक साल से आराध्या 'कार्डियोमायोपथी' नाम की बीमारी से जूझ रही थी।
आराध्या का दिल सामान्य तरीके से काम नहीं कर रहा था। कम उम्र होने के कारण उसे कोई डोनर नहीं मिल पा रहा था।
सोमनाथ के ह्रदय ने नवी मुंबई की तीन साल की बच्ची को नया जीवन दिया है। पिछले एक साल से आराध्या हार्ट ट्रांसप्लांट के इंतजार में थी।
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वही सोमनाथ की किडनी अहमदाबाद निवासी 15 वर्षीय लड़के को डोनेट की गई है जो कि पिछले 10 सालों से डायलिसिस पर था।
अंग के साथ नया जीवनदान
भारत में करीब 10,00,00 लोग लिवर ट्रांसप्लांट के इंतजार में है। आप इनकी मदद कर इन्हे सिर्फ अंग ही नहीं बल्कि नया जीवन भी देते है। दिल, लिवर, किडनी और फेफड़े जैसे महत्वपूर्ण अंगों को उन रोगियों में ट्रांसप्लांट किया जाता है जिनके अंग काम करने में विफल हो जाते हैं।
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Source : News Nation Bureau