देश में 3 में से 1 महिला पेल्विक दर्द से पीड़ित, जानें क्या है पेल्विक दर्द

देश में अधिकतर महिलाएं पेट के निचले हिस्से के दर्द से परेशान रहती हैं

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देश में 3 में से 1 महिला पेल्विक दर्द से पीड़ित, जानें क्या है पेल्विक दर्द

प्रतीकात्मक फोटो

देश में अधिकतर महिलाएं पेट के निचले हिस्से के दर्द से परेशान रहती हैं। पीरियड्स के दौरान या लंबे समय तक बैठे रहने से यह समस्या बढ़ जाती है। अगर पेट दर्द की समस्या छह महीने से अधिक समय तक बनी रहती है, तो यह पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम (पीसीएस) के लक्षण हो सकते हैं। देश में हर 3 में से 1 महिला अपने जीवन के किसी न किसी पड़ाव पर पेल्विक दर्द से पीड़ित होती है। चौकाने वाली बात यह है कि, महिलाएं अपने शरिर में होने होने वाले इन बदलावों के बारे में न ज्यादा जानकारी रखती हैं और न ही इन पर ज्यादा बात करती हैं।

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पेल्विक पेन पर और ज्यादा जानकारी दे रहें हैं, वसंत कुंज में फोर्टिस हास्पिटल के हेड इंटरवेशनल रेडियोलोजिस्ट डॉ. प्रदीप मुले:

क्या है पेल्विक दर्द या पीसीएस-

  • पेट के निचले भाग में दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं, उसमें से सबसे सामान्य कारणों में से एक है पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम (पीसीएस)। यह युवा महिलाओं में अधिक देखा जाता है। पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम को पेल्विक वेन इनकम्पेटेंस या पेल्विक वेनस इनसफिशिएंशी भी कहते हैं।
  • यह महिलाओं में होने वाली एक चिकित्सीय स्थिति (जिसका इलाज हो) है। इस स्थिति में तेज दर्द होता है जो खड़े होने पर और बढ़ जाता है, लेटने पर थोड़ा आराम मिलता है। पीसीएस जांघों, नितंब या योनि(वजाइना) के आसपास की वैरिकोस वेन्स से संबंधित होता है। इसमें नस सामान्य से ज्यादा खिंच जाती हैं।

किस को होता है पीसीएस-

  • जो महिलाएं मां बन चुकी हैं और युवा हैं उनमें यह परेशानी अधिक होती है क्योंकि इस उम्र की महिलाएं अपने लक्षणों को नजरअंदाज करती हैं इसलिए उनमें यह समस्या ज्यादा बढ़ जाती है। पीसीएस का कारण साफ नहीं है। हालांकि शरीर रचना या हार्मोन्स के स्तर में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी इसका कारण हो सकती है। इससे प्रभावित होने वाली ज्यादातर महिलाएं 20-45 की उम्र की होती हैं और जो कई बार प्रेग्नेंट हो चुकी होती हैं।

क्या है वजह-

  • गर्भावस्था या प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोन संबंधी बदलावों, वजन बढ़ने और पेल्विक एरिया की एनाटॉमी(शरीर-रचना) में परिवर्तन आने से अंडाशय (ओवरी) की नसों में दबाव बढ़ जाता है जिससे शिराओं की दीवार कमजोर हो जाती है जिससे वह सामान्य से ज्यादा फैल जाती हैं।
  • इस दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन शिराओं(वेंस) की दीवार को कमजोर कर देता है। सामान्य शिराओं में रक्त पेल्विस से ऊपर हृदय की ओर बहता है और शिराओं में मौजूद वॉल्व के कारण इसका वापस शिराओं में फ्लो नहीं होता है। जब अंडाशय की शिराएं फैल जाती हैं, वॉल्व पूरी तरह से बंद नहीं होता है जिससे रक्त वापस बहकर शिराओं में आ जाता है, जिसे रिफ्लक्स के नाम से भी जाना जाता है जिसके परिणामस्वरूप पेल्विस क्षेत्र में रक्त की मात्रा बहुत बढ़ जाती है।

लक्षणों को न करें नजहअंदाज-

  • इसका सबसे प्रमुख लक्षण पेट के निचले भाग में दर्द होना है। यह अधिक देर तक बैठने या खड़े रहने के कारण गंभीर हो जाता है। इसके कारण कई महिलाओं में पैर में भारीपन भी लगता है।
  • इसके अलावा पीसीएस में ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं जैसे पेल्विक एरिया में लगातार दर्द होना। पेट के निचले भाग में मरोड़ अनुभव होना। पेल्विक क्षेत्र में दबाव या भारीपन अनुभव होना। शारीरिक संबंध बनाते समय दर्द होना। यूरीन या मल त्यागते समय दर्द होना। लंबे समय तक बैठने या खड़े होने में दर्द होना।

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Source : IANS

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