मधुनाशिनी वटी है शुगर के लिए मास्टरस्ट्रोक, Diabetes कंट्रोल करने का पतंजलि का दवा
क्या पतंजलि की मधुनाशिनी वटी मधुमेह के लिए कारगर है? यह सवाल कई लोगों के मन में जरूर आता है जो मधुमेह से पीड़ित हैं. ऐसे में आज हम आपको इस खबर में बताएंगे कि मधुनाशिनी वटी कितनी कारगर है।
भारत में मधुमेह यानी डायबिटीज आज एक आम लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन गई है. बदलती जीवनशैली, अनुशासनहीन खानपान और बढ़ता तनाव इस बीमारी के प्रमुख कारण हैं. ऐसे में जब एलोपैथिक इलाज के साथ-साथ लोग प्राकृतिक और आयुर्वेदिक विकल्पों की तलाश करते हैं, तब पतंजलि की “मधुनाशिनी वटी” जैसे उत्पाद चर्चा में आ जाते हैं. लेकिन सवाल यह है कि क्या यह आयुर्वेदिक गोली वाकई ब्लड शुगर को कंट्रोल कर सकती है या यह केवल एक हेल्थ सप्लीमेंट तक सीमित है?
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क्या है मधुनाशिनी वटी?
मधुनाशिनी वटी पतंजलि आयुर्वेद द्वारा तैयार की गई एक आयुर्वेदिक मेडिसन है. नाम से ही इसका अर्थ है, “मीठे को नष्ट करने वाली”, यानी शरीर में बढ़े हुए ग्लूकोज़ को कंट्रोल करने की क्षमता. इसका उद्देश्य मधुमेह रोगियों को प्राकृतिक तरीके से राहत पहुंचाना है.
इस वटी में गुडमार, जामुन बीज, नीम, बिल्वपत्र, करी पत्ता और त्रिफला जैसी जानी-मानी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का मिश्रण होता है, जिनका उपयोग प्राचीन काल से शुगर कंट्रोल में किया जाता रहा है.
कैसे बना है मधुनाशिनी वटी? Photograph: (NN)
पतंजलि के दावों की पड़ताल
पतंजलि का कहना है कि यह वटी अग्न्याशय (पैंक्रियाज़) की कार्यक्षमता को बेहतर बनाकर शरीर में प्राकृतिक इंसुलिन का सिक्रीशन बढ़ाती है. साथ ही, यह शारीरिक थकान, नर्व डैमेज, आई डिफेक्ट और अन्य डायबिटिक से जुड़े रोगों में राहत देता है. इसके अलावा यह औषधि शरीर में अतिरिक्त ग्लूकोज़ को ऊर्जा में परिवर्तित करने में मदद करती है और पाचन को भी संतुलित रखती है.
पतंजलि द्वारा सुझाई गई खुराक के अनुसार, मधुनाशिनी वटी की 1–2 गोलियां दिन में दो बार, भोजन से पहले गुनगुने पानी के साथ ली जा सकती हैं. बेहतर परिणाम के लिए इसे 3 से 6 महीने तक नियमित रूप से लेने की सलाह दी जाती है. हालांकि, इसकी खुराक व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार डॉक्टर की सलाह से तय की जानी चाहिए.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
एक्सपर्ट का मानना है कि कुछ जड़ी-बूटियों जैसे गुडमार और जामुन बीज पर हुए शोध यह दर्शाते हैं कि ये तत्व ब्लड शुगर को कम करने में प्रभावी होते हैं
प्राकृतिक जड़ी-बूटियों से निर्मित होने के कारण साइड इफेक्ट की संभावना कम बताई जाती है.
शरीर के मेटाबोलिज़्म को सुधारने और पाचन को बेहतर करने में सहायक.
लंबे समय तक सेवन करने पर डायबिटिक जटिलताओं में राहत मिलने की संभावना.
आंखों, नसों और किडनी पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को कम करने में मदद.
क्या यह भरोसेमंद है?
पतंजलि का दावा कि मधुनाशिनी वटी डायबिटीज़ के इलाज में कारगर है. मधुनाशिनी वटी को लेकर पतंजलि दावा करता है कि इसके यूज से कई लाख लोगों के जीवन में शूगर की कहानी खत्म हुई है. मतलब आप यूं समझ लीजिए कि जिन्हें शूगर हुआ, वे सभी आज हेल्थी हैं.
अगर आप आयुर्वेदिक इलाज की ओर रुख कर रहे हैं तो मधुनाशिनी वटी एक विकल्प हो सकता है, लेकिन यह तभी फायदेमंद है जब इसे डॉक्टर की सलाह और नियमित ब्लड शुगर जांच के साथ लिया जाए.
साथ ही ये भी करना होगा काम
मधुनाशिनी वटी एक आयुर्वेदिक औषधि है जो प्राकृतिक जड़ी-बूटियों से बनी है और डायबिटीज़ नियंत्रण में सहायक होती है. शुगर कंट्रोल के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और चिकित्सकीय निगरानी के साथ-साथ इस वटी का प्रयोग ही सुरक्षित और प्रभावी तरीका हो सकता है.