ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक चांदी का संबंध चंद्रमा से जोड़ा जाता है. वहीं हिंदू धर्म में बच्चे के जन्म के कुछ दिनों बाद उन्हें कई तरह के गहने पहनाए जाते हैं. वहीं हमारे देश में बच्चों के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से गहने पहनना काफी आम बात है. हिंदू धर्म के हिसाब से चांदी काफी शुभ मानी जाती है. वहीं चांदी बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा बताया गया है. आइए आपको इसके फायदे बताते है.
शरीर का तापमान
चांदी में मौजूद ठंडक शरीर के तापमान को सामान्य रखने में मदद करते हैं. इसको पहनने से शरीर का तापमान सही रहता है. चांदी उन बच्चों के लिए फायदेमंद है, जो ज्यादा गर्मी या ठंड का अनुभव करते हैं.
सेहत पर असर
चांदी पहनने से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और उनका शरीर सामान्य रोगों से स्वयं लड़ने में सक्षम बनाता है. यह त्वचा को ठंडक देती हसंक्रमण की आशंका कम होती है.
इम्यूनिटी बूस्ट
चांदी पहनने से बच्चों की इम्यूनिटी बूस्ट होती है और मौसमी संक्रमण से होने वाली बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद मिलती है. वहीं चांदी में प्राकृतिक रूप से रोगाणु रोधी गुण होते हैं.
नेगेटिव एनर्जी को दूर
चांदी पहनने से बच्चों को तनाव कम महसूस होता है, जिससे उनका मन भी शांत बना रह सकता है. यह मन और भावनाओं को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है. यह पहनने से बच्चों का नेगेटिव एनर्जी और बुरी नजर से बचाव होता है.
संस्कार
भारतीय संस्कृति में चांदी के गहनों को बच्चों के लिए शुभ और रक्षक माना गया है. पायल और कड़े सुंदर गहने होते हैं.
मानसिक विकास
ज्योतिष में चांदी को मन का कारक माना गया है. इसे धारण करने से बच्चों का मानसिक विकास सुचारु रूप से होता है. उनकी एकाग्रता, कल्पना शक्ति और समझने की क्षमता में वृद्धि होती है.
बुद्धि तेज
चांदी की चेन पहनने से बच्चा मानसिक रूप से मजबूत बनता है. उसका ध्यान बेहतर होता है और समझने की शक्ति बढ़ती है. यह आगे चलकर पढ़ाई और जीवन के बाकी हिस्सों में मदद करता है. पंडित जी के अनुसार, जिन बच्चों को जल्दी गुस्सा आता है या जो डरपोक होते हैं, उनके लिए चांदी की चेन काफी फायदेमंद मानी जाती है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.