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twins baby Photograph: (Freepik)
मां बनने का जो एहसास है वो दुनिया में सबसे ज्यादा खास है. इसका सपना हर विवाहित महिला देखती है. लेकिन ये सपना देखना जितना आसान है साकार करना उतना ही मुश्किल. क्योंकि प्रेग्नेंसी का सफर चुनौतियों से कम नहीं होता है. कंसीव करने से लेकर प्रेग्नेंसी का पूरा सफर किसी भी महिला के लिए किसी टास्क से कम नहीं. कई महिलाएं चाहती हैं कि वो जुड़वां बच्चों की मां बने लेकिन क्या आप जानते हैं कि किन महिलाओं में ट्विन्स बेबी होने की संभावना ज्यादा होती है. आइए आपको बताते हैं.
जीन्स
डॉक्टरों के मुताबिक जिन महिलाओं के साइड यानी उनकी मम्मी या नानी की जुड़वां संतानें हुई हैं, तो उनमें जुड़वा बच्चों की संभावना ज्यादा होती है. वहीं अगर किसी महिला को कंसीव करने में दिक्कत होती है और अगर डॉक्टर्स उन्हें अंडा बनाने की दवाई दें तो उसमें एक से ज्यादा एग बनाने के चासेंज होते हैं. जिसकी वजह से ट्विन्स बेबी होने की संभावना बढ़ जाती है.
आईवीएफ ट्रीटमेंट
वहीं आईवीएफ ट्रीटमेंट में डॉक्टर एक से ज्यादा भ्रूण इम्प्लांट करते हैं, तो इस वजह से IVF से जुड़वां बच्चे हो सकते हैं. इन सभी कारणों के बाद भी लास्ट में ट्विंस बेबी होना पूरी तरह चांस पर निर्भर करता है यानी कि अगर होना होगा तो हो जाएगा. अगर प्रेग्नेंसी में पहला अल्ट्रासाउंड सात से आठवें सप्ताह के बीच होता है. इसे डेटिंग सोनोग्राफी कहा जाता है. जिससे यह पता चलता है कि बच्चा कहां है. इसके साथ ही यह भी कहा कि बच्चे की संख्या और डिलीवारी की डेट भी कंफर्म करती है.
कैसे होते हैं ट्विन्स बेबी
द्विज जुड़वां
ट्विंस बेबी होने के संकेत
ज्यादा मॉर्निंग सिकनेस महसूस करना
नॉर्मल से ज्यादा वेट गेन होना.
बहुत ज्यादा भूख लगना भी जुड़वा बच्चों के पैदा होने के चांस रहते हैं.
भ्रूण का ज्यादा जगह घूमना, हालांकि, यह सभी महिलाओं को महसूस नहीं होता है.
बार-बार यूरिन आना भी एक संकेत है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.