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युद्ध की बातों से मेंटल हेल्थ पर पड़ सकता है ये असर Photograph: (Freepik (AI))
युद्ध की वीडियो और तस्वीरें देखने से लोगों की मेंटल हेल्थ पर इसका काफी ज्यादा असर पड़ता है. 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले का बदला लेने के लिए भारत सरकार ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला किया. जिसके बाद से दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. जिसने लोगों के मन में एक डर बैठा दिया है. ऐसी खबरें देखने से लोगों में एंग्ज़ाइटी और डिप्रेशन जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं. जब भी हम ऐसी फोटो या वीडियो देखते हैं तो हमारे दिमाग का एमिगडाला हिस्सा एक्टिव हो जाता है, जो खतरे और डर को पहचानने का काम करता है.
मानसिक तनाव
हमारे स्वभाव में ऐसा होता है जिससे कि हम नकारात्मक चीजों की ओर जल्दी आकर्षित होते हैं. युद्ध की फोटो और वीडियो जितना हमें डराते हैं मनोवैज्ञानिक रूप से यह हमारी एक्साइटमेंट को उतना ही तेज करते हैं. यही कारण है कि, हम कभी-कभी चाह कर भी ऐसे कंटेंट से दूरी नहीं बना पाते. यही आदत धीरे-धीरे हमारी मानसिक सेहत को खोखला कर देती है.
युवा वर्ग प्रभावित
सोशल मीडिया का इस्तेमाल सबसे ज्यादा युवा वर्ग करता है और यही वजह है कि, वे इस कंटेंट के सबसे बड़े उपभोक्ता भी बन जाते हैं. पढ़ाई, करियर और निजी जिंदगी के तनाव के बीच जब वे युद्ध या हिंसा के वीडियो देखते हैं, तो उनका मन और भी बेचैन हो जाता है. इसी के कारण कई युवाओं में नींद की कमी, चिड़चिड़ापन और एंग्जाइटी जैसी समस्याएं बढ़ती देखी गई हैं.
कैसे खुद को रोकें
इसके लिए आप खुद को सोशल मीडिया या न्यूज प्लेटफॉर्म्स पर सीमित समय ही बिताएं.
ऐसे वीडियो या कंटेंट देखें जो कि आपके मन को सुकून पहुंचाएं.
दिमाग को शांत रखने के लिए ध्यान, योग और हल्की-फुल्की एक्सरसाइज बेहद फायदेमंद हैं.
अगर आप महसूस करते हैं कि, आप पर इसका असर ज्यादा हो रहा है, तो डॉक्टर की मदद लेना जरूरी है.
क्या करें
युद्ध सिर्फ जंग के मैदान में ही नहीं लड़ा जाता, यह हमारे मन और सोच पर भी असर डालता है. हम खुद को इस डिजिटल युद्ध के मानसिक प्रभाव से बचाएं और अपनी मानसिक सेहत को प्राथमिकता दें. क्योंकि मन का मजबूत होना सबसे बड़ी ताकत होता है. ये स्थिति धैर्य और संयम बनाए रखने को मजबूत रखने की है. ऐसे माहौल में सोशल मीडिया और बिना प्रमाणिकता वाली खबरों से दूर रहना चाहिए. केवल विश्वसनीय स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें. योग-मेडिटेशन जैसे अभ्यास मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए जरूरी है. परिवार के साथ समय बिताएं. अगर चिंता या घबराहट की समस्या हो रही हो तो तुरंत किसी विशेषज्ञ की सलाह लें.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.