बी 12 ह्यूमन बॉडी के लिए जरूरी है. ये बॉडी में डीएनए, नर्व, रेड ब्लड सेल बनाने के साथ हेल्दी ब्रेन और इम्युन सिस्टम के लिए इंपोर्टेंस रखता है. लेकिन हमारी बॉडी इस विटामिन को प्रोड्यूस नहीं करती. इस कमी को डाइट या फिर फूड सप्लीमेंट के जरिए पूरा करना होता है. एनमिल प्रोडक्ट्स में ये विटामिन नैचुरली पाया जाता है. बी 12 की कमी से शरीर में रेड ब्लड सेल प्रोड्यूस होने कम हो जाते हैं. इससे एनर्जी लेवल गिरता है. कई हफ्तों तक ऐसी स्थिति रहे तो डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए.
विटामिन बी 12 की कमी
बी 12 की कमी से शरीर में रेड ब्लड सेल प्रोड्यूस होने कम हो जाते हैं. इससे एनर्जी लेवल गिरता है. कमजोरी, थका हुआ, खुद को कंफ्यूज महसूस होने लगता है. कई हफ्तों तक ऐसी स्थिति रहे तो डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए.
स्किन का पीला पड़ना, मुंह में छाले होना और जीभ में सूजन बी 12 की कमी के कुछ लक्षण हैं.
नर्व डैमेज होने से शरीर में झनझनाहटपन और कमजोरी महसूस होना शुरू हो जाती है.
किन लोगों को खतरा अधिक?
डाइजेस्टिव प्रॉब्लम से जूझ रहे लोगों में बी12 की कमी का रिस्क अधिक होता है.
वेजिटेरियन या वीगन डाइट लेने वालों में बी 12 की कमी का जोखिम रहता है.
बर्थ कंट्रोल पिल्स लेने महिलाओं में बी 12 डेफिशिएंसी ट्रिगर कर सकती है.
शराब का अधिक सेवन करने वालों में इसकी कमी हो सकती है.
50 से ज्यादा उम्र के लोगों में जोखिम अधिक रहता है. शरीर बी 12 को एब्जॉर्ब नहीं कर पाता. ऐसे में सप्लीमेंट या गंभीर स्थिति में इंजेक्शन का सहारा लेना पड़ता है.
प्रेग्नेंसी के दौरान महिला में बी12 कमी से कोख में बच्चे के विकास पर असर पड़ सकता है. प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे के ब्रेन और नर्व सिस्टम के डेवलपमेंट में इसकी आवश्यकता होती है.
बी 12 के साइड इफेक्ट
विटामिन बी 12 को बॉडी कम मात्रा में एब्जॉर्ब करती है कि अन्य मात्रा यूरिन के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाती है. इसलिए इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता, लेकिन एक बार में अधिक मात्रा में लेने से डायरिया और इचिंग हो सकती है.
कैसे लगाएं इसका पता?
आप सिर्फ ब्लड टेस्ट करके ही अपने ब्लड में विटामिन बी12 के लेवल को जान सकते हैं.
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.