पेशाब आना एक सामान्य शारीरिक क्रिया है. जो कि शरीर से एक्स्ट्रा पानी को निकालने में मदद करती है. इन दिनों लोगों की लाइफस्टाइल और खानपान का असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है, जिसके कारण हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों के मामलों में भी बढ़ोतर हो रही है. पेशाब हमारी ओवरऑल हेल्थ के बारे में बताता है. यूरिन के रंग से लेकर यूरिन पास करते टाइम सब कुछ आपकी येहत से जुड़ा होता है. वहीं अक्सर लोगों के दिमाग में यह होता है कि एक दिन में कितनी बार पेशाब करना चाहिए. आइए आपको बताते हैं.
इतनी बार करना चाहिए पेशाब
एक दिन में कितनी बार पेशाब करना सामान्य माना जाता है, यह व्यक्ति की उम्र, पानी पीने की मात्रा, फिजिकल एक्टिविटी और सेहत पर निर्भर करता है. आमतौर पर एक हेल्दी व्यक्ति को दिनभर में 6 से 8 बार पेशाब आना नॉर्मल माना जाता है. वहीं, कुछ लोगों के लिए यह संख्या 4 से 10 के बीच भी सामान्य हो सकती है, अगर उन्हें कोई असुविधा महसूस न हो.
ये गंभीर बीमारी
अगर बहुत ज्यादा बार पेशाब आए –जैसे दिन में 10 बार से ज्यादा या रात में बार-बार उठकर पेशाब जाना पड़े, तो यह सेहत से जुड़ी कुछ समस्याओं का संकेत हो सकता है. जी हां, डॉक्टर बताते हैं कि बार-बार पेशाब आने की मुख्य वजहों में डायबिटीज, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI), ओवरएक्टिव ब्लैडर सिंड्रोम, प्रोस्टेट ग्रंथि की बढ़त (पुरुषों में), या ज्यादा कैफीन/लिक्विड का इनटेक शामिल हो सकता है.
कम पेशाब आना
वहीं, बहुत कम पेशाब आना (दिनभर में 3 बार से कम) या पेशाब में रुकावट आना डिहाइड्रेशन, किडनी फेल्योर, यूरिनरी ब्लॉकेज या किसी दवा के साइड इफेक्ट का संकेत हो सकता है. अगर पेशाब करते समय जलन, दर्द, खून आना या बदबू महसूस हो, तो यह इन्फेक्शन या अन्य गंभीर समस्या की ओर इशारा करता है.
पेशाब का रंग
पेशाब का रंग भी सेहत का संकेत देता है. डॉक्टर बताते हैं कि हल्का पीला रंग सामान्य है, लेकिन बहुत गाढ़ा या लाल रंग खून या अन्य समस्या की ओर संकेत कर सकता है. इसलिए अगर पेशाब की मात्रा, रंग, गंध या संख्या में कोई असामान्यता महसूस हो, तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिए. बता दें, पेशाब की आदतें हमारी किडनी और ओवरऑल हेल्थ को दर्शाती हैं, इसलिए इन पर ध्यान देना जरूरी है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.