कैसे होता है स्किन कैंसर, जिससे जूझ रहा है ऑस्ट्रेलिया का चैंपियन कप्तान

हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के विश्वकप विजेता पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क स्किन कैंसर हो गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक पश्चिमी देशों में हर साल लाखों लोग त्वचा के कैंसर का शिकार होते हैं. हालांकि भारत में यह आंकड़े काफी कम हैं.

हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के विश्वकप विजेता पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क स्किन कैंसर हो गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक पश्चिमी देशों में हर साल लाखों लोग त्वचा के कैंसर का शिकार होते हैं. हालांकि भारत में यह आंकड़े काफी कम हैं.

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Nidhi Sharma
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Michael Clarke

Michael Clarke Photograph: (Instagram)

इन दिनों कैंसर के मामले काफी ज्यादा सुनने को मिल रहे है. कभी ब्रेस्ट, फेफड़े, लिवर तो वहीं हाल ही में स्किन कैंसर की खूब चर्चा हो रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक पश्चिमी देशों में हर साल लाखों लोग स्किन कैंसर का शिकार होते हैं.   यूएस-यूके और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में तो यह सबसे आम कैंसर बन चुका है. जिसका एक आम कारण गोरी त्वचा को माना जा रहा है. वहीं गोरी त्वचा में  मेलेनिन नामक प्राकृतिक रंग कम होता है. जो कि हमारे शरीर की ढाल है, जो सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से त्वचा की रक्षा करती है. वहीं हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के विश्वकप विजेता पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क को स्किन कैंसर हो गया है. 

कैसे होता है स्किन कैंसर

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रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीयों की त्वचा में मेलेनिन की मात्रा ज्यादा होती है, जो हमें एक प्राकृतिक सुरक्षा देती है. लेकिन धूप में काम करने वाले लोग, खासतौर पर किसान और मजदूर या फिर वे लोग जो कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट और ज्यादा केमिकल वाली चीजों के संपर्क में रहते हैं उनमें इसका जोखिम हो सकता है.

ये सावधानी बरतें 

स्किन कैंसर से बचाव के लिए सबसे जरूरी है सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें. आप धूप में निकलने से पहले, गर्मियों में कम से कम SPF 30 वाला सनस्क्रीन रोज लगाएं. सुबह 10 से शाम  4 बजे के बीच की धूप में यूवी किरणें सबसे तेज होती हैं. इस टाइम बाहर कम जाएं या फिर छाता या टोपी का इस्तेमाल करें. 

अगर आपका काम ज्यादा देर धूप में रहने का है तो शरीर को अच्छे से कवर करने वाले कपड़े पहनें. अगर आपकी त्वचा पर कोई तिल, त्वचा पर कोई नया धब्बा या गांठ हो या फिर त्वचा के रंग में कोई असामान्य से बदलाव वाला पैच दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

कैसे लगाएं पता 

आप इस फॉर्मूले से पता कर सकते हैं. 

ए (एसिमेट्री या विषमता)- त्वचा का एक हिस्सा जो अलग दिखता है.

बी (बॉर्डर)- त्वचा में ये बदलाव या तिल के किनारे वाले हिस्से अस्पष्ट या अनियमित होते हैं.

सी (कलर)- तिल के रंग अनियमित होते हैं या एक ही तिल में कई रंग हो सकते हैं.

डी (डाइमीटर)- इसकी चौड़ाई लगभग एक पेंसिल इरेजर के आकार की होती है, जो ¼ इंच से ज्यादा हो सकती है.

ई (इवॉल्विंग)- त्वचा में इन बदलावों आकार, माप और रंग समय के साथ बदलते रहते हैं.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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