Heart Attack: हार्ट अटैक आने पर करें ये काम, इन तरीको से बचाएं मरीज की जान

Heart Attack: इन दिनों हार्ट अटैक के केस काफी ज्यादा बढ़ रहे हैं. दिल का दौरा आम तौर पर 15 मिनट से अधिक समय तक सीने में दर्द का कारण बनता है. कुछ लोगों को सीने में हल्का दर्द होता है, जबकि कछ काफी ज्यादा दर्द होता है.

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Nidhi Sharma
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Heart Attack

Heart Attack Photograph: (freepik)

Heart Attack:  हार्ट अटैक का खतरा दुनियाभर में तेजी से बढ़ता जा रहा है, ये मौत का कारण भी बना हुआ है. पिछले कुछ टाइम से हार्ट अटैक-कार्डियक अरेस्ट और हार्ट फेलियर जैसी दिक्कत तेजी से फैल रही है. अब ना सिर्फ बूढ़ों में बल्कि युवाओं में भी देखी जा रही है. यहां तक कि 20 से कम उम्र के लोग न सिर्फ इसका शिकार हो रहे हैं बल्कि इनमें मौत के आंकड़े भी काफी बढ़ गए हैं. वहीं अगर किसी को हार्ट अटैक आ जाएं तो उसे टाइम पर अस्पताल लेकर जाना काफी जरूरी होता है, लेकिन आप उसे इन टिप्स से भी जल्दी बचा सकते हैं. 

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मेडिकल इमरजेंसी

किसी को दिल का दौरा पड़ने पर आपको सबसे पहले मेडिकल इमरजेंसी पर कॉल करना चाहिए. यदि आपको अपने पास आने के लिए एम्बुलेंस या आपातकालीन वाहन नहीं मिल सकता है, तो किसी पड़ोसी या मित्र से आपको नजदीकी अस्पताल ले जाने के लिए कहें. आपकी हालत और खराब हो सकती है इसलिए खुद गाड़ी चलाने की कोशिश न करें.

एस्पिरिन को चबाएं

जब तक आपके पास इमरजेंसी मेडिकल हेल्प नहीं पहुंच जाती, तब तक एस्पिरिन को चबाएं और निगलें. एस्पिरिन आपके रक्त में थक्का जमने से रोकने में मदद करता है. दिल का दौरा पड़ने पर इसे लेने से यह दिल की क्षति को कम कर सकता है. अगर आपको इससे एलर्जी है या आपके डॉक्टर ने कहा है कि एस्पिरिन कभी न लें, तो इसे न लें.

नाइट्रोग्लिसरीन ले

यदि आपको डॉक्टर ने नाइट्रोग्लिसरीन लेने के लिए बोल रखा है, तो ऐसी स्थिति में तुरंत इसका इस्तेमाल करें. यदि आपको लगता है कि आपको दिल का दौरा पड़ रहा है और आपके डॉक्टर ने आपके लिए पहले से नाइट्रोग्लिसरीन निर्धारित की है, तो इमरजेंसी मेडिकल हेल्प आने तक इसे निर्देशानुसार लें.

सीपीआर

अगर मरीज बेहोश है, तो उसे सीपीआर देना शुरू करें. यदि व्यक्ति सांस नहीं ले रहा है तो आप उसे सीपीआर देना शुरू कर दें. इसके लिए सबसे पहले रोगी के कपड़े और बेल्ट ढीला कर दें और सीपीआर देते समय एक मिनट में कम से कम 100-120 बार पंप करें. हमेशा सीधे हाथ से सीपीआर दें, कोहनी मुड़नी नहीं चाहिए.  मरीज  एक डिस्प्रिन की गोली लें और मुंह में रखें, ये गोली खुद ही घुल जाती है. इसके साथ मरीज के सांस और नाड़ी को चेक करते रहे और बार-बार सीपीआर देते रहें, जब तक कि उसे तुरंत किसी नजदीकी अस्पताल में न पहुंचा दिया जाए.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.

 

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