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World Rabies Day (AI)
28 सितंबर को हर साल वर्ल्ड रेबीज डे मनाय जाता है. इस दिवस का उद्देश्य रेबीज जैसी जानलेवा बीमारी के बारे में जागरुकता फैलाना है. रेबीज जानवरों में मिलने वाला वायरस है, जो इंसानों के दिमाग और नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है. खास बात है कि अगर सही से इसका इलाज नहीं होता है तो ये मौत का कारण बन सकता है. अधिकांश लोगों को लगता है कि रेबीज सिर्फ कुत्तों के काटने से ही फैलती है. लेकिन नई रिसर्च में सामने आया है कि और भी ऐसे जानवर हैं, जो रेबीज फैला सकते हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनियाभर में करीब 59 हजार लोग हर साल रेबीज की वजह से मरते हैं. सबसे अधिक मामले एशिया और अफ्रीका से सामने आए हैं. इसके अलावा, भारत में रेबीज के 95 प्रतिशत रेबीज के मामले सिर्फ कुत्तों के काटने से होते हैं. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि रेबीज का कोई भी स्थाई इलाज नहीं है. अगर इसके लक्षण दिखते हैं तो मरीज को बचाना मुश्किल हो जाता है. अगर आपको इससे बचना है तो समय-समय पर वैक्सीन जरूर लगवाएं.
किन-किन जानवरों से फैलता है रेबीज?
- कुत्ते: रेबीज के सबसे बड़े वाहक हैं, खासकर आवारा कुत्ते.
- बिल्लियां: पालतू या आवारा बिल्लियां भी रैबीज फैला सकती हैं.
- चमगादड़: चमगादड़ों के काटने से भी रेबीज का खतरा होता है. अमेरिका में चमगादड़ ही रेबीज का मुख्य कारण है.
- बंदर: बंदरों के काटने या खरोंचने से भी रेबीज हो सकता है.
- लोमड़ी, रैकून और सियार: ये जंगली जानवर हैं, जिनके काटने से रेबीज फैस सकती है.
- गाय, भैंस, और खेत के अन्य जानवर: ये जानवर अगर रेबीज से संक्रमित हैं तो उनके काटने से भी रेबीज फैल सकती है.