क्या आप भी इतने घंटे लगाते हैं Air Pods, तो हो जाएं सावधान वरना आप भी इस लड़की की तरह हो सकते हैं बहरे

इन दिनों AirPods हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गए हैं. चाहे ऑफिस कॉल हो या वर्कआउट, हम अक्सर यह भूल जाते हैं कि इनका ज्यादा इस्तेमाल हमारे कानों के लिए कितना हानिकारक हो सकता है.

इन दिनों AirPods हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गए हैं. चाहे ऑफिस कॉल हो या वर्कआउट, हम अक्सर यह भूल जाते हैं कि इनका ज्यादा इस्तेमाल हमारे कानों के लिए कितना हानिकारक हो सकता है.

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Nidhi Sharma
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use of AirPods Photograph: (Freepik)

हाल ही में मेकअप आर्टिस्ट आरुषि ओसवाल ने अपनी एक इंस्टाग्राम पोस्ट में AirPods को लेकर एक कड़वी सच्चाई शेयर की है. दरअसल, आरुषि लगातार 8 घंटे एयरपॉड्स लगाकर गाने सुनने के बाद बहरेपन का शिकार हो गई है. हालांकि मेडिसिन और सर्जरी के बाद उनके सुनने की क्षमता में सुधार होने लगा है लेकिन उन्होंने सलाह दी है कि ऐसा करने से बचें. इन दिनों AirPods हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गए हैं. चाहे ऑफिस कॉल हो या वर्कआउट, हम अक्सर यह भूल जाते हैं कि इनका ज्यादा इस्तेमाल हमारे कानों के लिए कितना हानिकारक हो सकता है.

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8 घंटे 

दरअसल, आरुषि ने बताया कि वो दिल्ली आ रही थी. जहां पर उन्होंने लगातार 8 घंटे AirPods पहने हुए थे. जिसके बाद उन्होंने अपने बाएं कान की 45% सुनने की क्षमता खो दी. डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि सुधार की कोशिश के लिए उन्हें हार्ड मेडिसिन और कान में स्टेरॉइड इंजेक्शन देना होगा जोकि बहुत दर्दनाक प्रोसेस है. हालांकि राहत की बात यह है कि अगर वह अब हेडफोन से पूरी तरह दूर रहती हैं, तो एक हफ्ते में सुनने की क्षमता वापस आने की संभावना है. उन्होंने अपने फॉलोअर्स को चेतावनी दी कि इयरफोन्स या हेडफोन्स को बहुत देर तक न पहनें. विशेषज्ञ पहले से ही चेतावनी देते आए हैं कि तेज आवाज में लंबे समय तक इन-ईयर हेडफोन का इस्तेमाल सुनने की क्षमता को नुकसान पहुंचा सकता है.

WHO की सलाह

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सलाह है कि साउंड का लेवल 70 डेसीबल से कम रखें और एक बार में 60 मिनट से ज्यादा हेडफोन न पहनें. लेकिन आरुषि जैसे बहुत से लोग कई घंटे लगातार AirPods का इस्तेमाल करते हैं, जिससे कई बार स्थायी सुनने की हानि हो सकती है. कई बार मध्यम आवाज में भी कई घंटे सुनने से कान के अंदर के नाजुक बाल कोशिकाएं थक जाती हैं और समय के साथ ये नुकसान स्थायी हो सकता है. सुनने की क्षमता की हानि का असर सिर्फ आवाज न सुनने तक सीमित नहीं होता बल्कि इससे याद्दाश्त और भविष्य में डिमेंशिया जैसे मानसिक रोगों के जोखिम को भी बढ़ा सकता है.

इन चीजों का रखें ध्यान 

आरुषि ने कहा कि सुविधा के नाम पर हम अपनी सेहत को खतरे में न डालें. उन्होंने अपने फॉलोअर्स को सलाह दी है कि ब्रेक लें, वॉल्यूम कम रखें और अगर कानों में घंटी बजना, भारीपन या आवाज का धीमा लगना महसूस हो, तो तुरंत सावधान हो जाएं.

60/60 नियम अपनाएं- वॉल्यूम 60% से कम रखें और एक बार में सिर्फ 60 मिनट तक ही हेडफोन पहनें.

ओवर-ईयर हेडफोन का इस्तेमाल करें- ये कम नुकसानदेह होते हैं और कम आवाजज में भी अच्छा साउंड देते हैं.

नॉइस कैंसलेशन वाला हेडफोन चुनें- इससे आप तेज आवाज करने से बचते हैं.

अपने शरीर की सुनें- अगर कानों में अजीब एहसास हो तो तुरंत ब्रेक लें.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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