आंकड़ों से पता चलता है कि दुनियाभर में लगभग 24 मिलियन (2.4 करोड़) लोग या 300 में से 1 व्यक्ति को सिजोफ्रेनिया की दिक्कत हो सकती हैं. सिजोफ्रेनिया एक दीर्घकालिक और गंभीर मानसिक बीमारी है जिसमें व्यक्ति को भ्रम बना रहता है. ये बीमारी आपके मस्तिष्क के काम करने के तरीके को प्रभावित कर देती है. पर क्या आप जानते हैं कि मानसिक स्वास्थ्य संबंधित कई समस्याएं काफी गंभीर हो सकती हैं?
क्या है सिजोफ्रेनिया
सिजोफ्रेनिया ऐसी ही एक गंभीर मानसिक स्वास्थ्य की समस्या है, जो दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है. आंकड़ों से पता चलता है कि दुनियाभर में लगभग 24 मिलियन (2.4 करोड़) लोग या 300 में से 1 व्यक्ति को सिजोफ्रेनिया की दिक्कत हो सकती है. सिजोफ्रेनिया एक गंभीर मानसिक बीमारी है. जिसमें व्यक्ति को वास्तविकता की धारणा में भ्रम होता है. ये व्यक्ति के व्यवहार, मानसिक स्थिति, सोचने-समझने की क्षमती सभी को प्रभावित कर सकती है.
सिजोफ्रेनिया और इसका खतरा
कल्पना कीजिए कि आप एक ऐसी दुनिया में जी रहे हैं जहां हर आवाज पर शक होता हो, हर चेहरा अजनबी लगता हो और खुद की सोच भी परायी लगने लगती हो. सिजोफ्रेनिया वास्तव में यही है. सिजोफ्रेनिया का आपके शारीरिक और मानसिक दोनों स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है.
सिजोफ्रेनिया होने के कारण क्या हैं?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि सिजोफ्रेनिया बीमारी किसी एक कारण से नहीं होती, बल्कि इसके लिए कई जैविक, आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारण जिम्मेदार हो सकते हैं. अगर परिवार में किसी को सिजोफ्रेनिया की दिक्कत रही है, तो इससे अन्य लोगों में भी होने की आशंका बढ़ जाती है. अध्ययनों से पता चलता है कि डोपामिन और ग्लूटामेट जैसे न्यूरोट्रांसमीटर का असंतुलन मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को बिगाड़ सकता है, इसके कारण भी सिजोफ्रेनिया होने का खतरा बढ़ जाता है.
गर्भावस्था या प्रसव के दौरान संक्रमण, ऑक्सीजन की कमी, या पोषण की कमी से दिमागी विकास पर असर पड़ सकता है.
बचपन में भावनात्मक आघात, अकेलापन, गरीबी या सामाजिक अलगाव भी सिजोफ्रेनिया को ट्रिगर कर सकती है.
सिजोफ्रेनिया में क्या दिक्कतें होती हैं?
सिजोफ्रेनिया आपके जीवन को कई प्रकार से प्रभावित करने वाली हो सकती है. मतिभ्रम होना सिजोफ्रेनिया का सबसे आम लक्षण है. इससे प्रभावित लोगों को भ्रम और डर बना रह सकता है, रोगी उन चीजों को भी वास्तविक मानने लग जाते हैं जो असल में होती ही नहीं हैं.
रोगी को ऐसा लग सकता है जैसै कोई मेरा पीछा कर रहा है, मुझे मारने का प्रयास किया जा रहा है आदि.
आपको लग सकता है कि कोई आपके सोचने, बोलने या कार्य करने को नियंत्रित कर रहा है.
बोलते समय आपको अपने विचारों को व्यवस्थित करने में परेशानी हो सकती है.
अक्सर नकारात्मक विचार मन को परेशान करते रह सकते हैं, जिससे जीवन काफी कठिन हो जाता है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.