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betel nut- cancer
सुपारी का इस्तेमाल ना सिर्फ खाने के लिए किया जाता है. बल्कि इसका इस्तेमाल धार्मिक के लिए भी किया जाता है. वहीं भारत में बड़ी तादाद में कर्नाटक में सुपारी की खेती होती है. भारत में लगभग 60 लाख लोग सुपारी की खेती पर निर्भर हैं. इसके साथ ही इसे बड़े लेवल पर एक्सपोर्ट भी किया जाता है. वहीं हाल ही में सुपारी को लेकर WHO की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है. जिसे सुनकर हर कोई शॉक्ड है. दरअसल, इस रिपोर्ट में बताया गया है कि सुपारी से कैंसर का खतरा होता है. जिसके बाद दिल्ली से लेकर कर्नाटक तक मंथन किया जा रहा है.
शिवराज सिंह चौहान को मिलेगी रिपोर्ट
वहीं अब इस रिपोर्ट को लेकर साइंटिस्ट रिसर्च करेंगे. जिसके बाद वह केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को रिपोर्ट सौपेंगे. इसी के बाद अब WHO की रिपोर्ट के चलते किसानों में कंफ्यूजन पैदा हो गई है और वो घबरा गए हैं. अब इसी को लेकर सरकार ने कदम उठाए हैं. सुपारी की बात करें तो भारत दुनिया का सबसे बड़ा प्रोड्यूसर है, जो कि दुनिया भर के कुल वैश्विक प्रोडक्शन का लगभग 63% हिस्सा प्रोड्यूस करता है.
सुपारी का प्रोडक्शन
वहीं साल 2023-24 में भारत ने लगभग 14 लाख टन सुपारी का प्रोडक्शन किया था. वहीं देशभर में सबसे ज्यादा सुपारी की खेती कर्नाटक में की जाती है. जहां से 6.76 लाख हेक्टेयर क्षेत्र से 10 लाख टन सुपारी का प्रोडक्शन हुआ. इसके बाद केरल, असम, मेघालय, मिज़ोरम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और बाकी राज्यों में इसकी खेती की जाती है. वहीं रिपोर्ट की माने तो अनुमान है कि भारत में लगभग 60 लाख लोग सुपारी की खेती पर निर्भर होते हैं.
हाई लेवल की हुई बैठक
दिल्ली में कृषि भवन में सुपारी को लेकर WHO की दी गई रिपोर्ट को लेकर एक हाई लेवल बैठक आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की. इस मीटिंग में मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, राज्य मंत्री, सुपारी प्रोडक्शन क्षेत्रों के सांसद और विभिन्न विभागों और मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी इसमें मौजूद रहे.
मीटिंग के दौरान अहम मुद्दों पर हुई चर्चा
मीटिंग के दौरान सुपारी की फसल से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्ची की गई है. वहीं WHO की रिपोर्ट में जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस रिपोर्ट ने कर्नाटक में पैदा होने वाली सुपारी को लेकर कुछ भ्रम पैदा कर दिया है. वहीं इनको दूर करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की वैज्ञानिकों की टीम रिसर्च कर रही है और टीम को निर्धारित समय सीमा के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है.
क्या कहा रिपोर्ट में
(WHO) और उसकी कैंसर रिसर्च एजेंसी IARC (International Agency for Research on Cancer) ने सुपारी को लेकर साल 2024 में एक रिपोर्ट पेश की थी. इसके तहत सुपारी को “कार्सिनोजेनिक टू ह्यूमन” (मानव के लिए कैंसरकारी) कैटेगरी में रखा गया. वहीं WHO के इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर की एक स्टडी के अनुसार, दुनिया में हर तीन में से लगभग एक ओरल कैंसर का मामला स्मोकलेस तंबाकू और सुपारी के सेवन से जुड़ा हुआ है.
तंबाकू और सुपारी का इस्तेमाल
दुनियाभर में लगभग 30 करोड़ लोग स्मोकलेस तंबाकू और करीब 60 करोड़ लोग सुपारी का इस्तेमाल करते हैं. सुपारी दुनिया में निकोटीन, शराब और कैफीन के बाद सबसे लोकप्रिय साइकोएक्टिव पदार्थों में से एक है. रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में दुनिया भर में ओरल कैंसर के 3 लाख 89 हजार 800 मामलों में से अनुमानित 1 लाख 20 हजार 200 मामले (लगभग 30.8%) सीधे तौर पर स्मोकलेस तंबाकू और सुपारी से जुड़े हुए थे. साउथ एशिया में स्मोकलेस तंबाकू और सुपारी के इस्तेमाल से होने वाले ओरल कैंसर के मामलों की सबसे ज्यादा संख्या भारत में है, जो 2022 में देश में 83 हजार 400 मामले सामने आए.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.