दुनिया भर में एड्स के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. इस बीमारी का अभी तक कोई इलाज नहीं है. लेकिन दवाओं के माध्यम से इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है. एड्स के लाखों मरीज दवाओं के सहारे अपनी जिंदगी बीता रहें हैं. एड्स की बीमारी एचआईवी वायरस से होती है. जिसे ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस कहा जाता है. ये वायरस शरीर के इम्यून सिस्टम पर हमला करता है और उसे कमजोर कर देता है.
एचआईवी क्या है
एचआईवी ऐसी समस्या है, जो असुरक्षित शारीरिक संपर्क के कारण होती है. इसके अतिरिक्त किसी भी तरह से प्रभावित व्यक्ति के खून, थूक में आने से भी ये वायरस शरीर में प्रवेश कर सकता है. ऐसे कई मामले सामने आते हैं, जिनमें व्यक्ति को सालों तक मालूम ही नहीं चलता कि उसे एचआईवी है. अगर सही समय पर एचआईवी का उपचार शुरू न हो, तो आगे चलकर ये ऐड्स में तब्दील हो जाता है, जिसे ट्रीट नहीं किया जा सकता.
लो सेक्स ड्राइव
रिपोर्ट के मुताबिक लो सेक्स ड्राइव, एचआईवी का एक बड़ा लक्षण है. हाइपोगोनाडिज्म से जुड़ी इस स्थिति में पुरुषों के अंडकोष और जननांग ठीक से काम करना बंद कर देते हैं.
बालों की ग्रोथ न होना
एचआईवी से जुड़ा हाइपोगोनाडिज्म होने पर इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या, डिप्रेशन, थकान, इनफर्टिलिटी, शरीर और प्यूबिक एरिया में बालों की ग्रोथ न होना, हॉट फ्लैशेज आना, टेस्टिकल्स का सिकुड़ना आदि जैसे बॉडी साइन्स दिखाई दे सकते हैं.
यूरिन में जलन
एचआईवी का पुरुषों में दिखने वाला एक और लक्षण पीनस पर छाले हैं. ये रेक्टम एरिया में भी हो सकते हैं. कुछ मामलों में ये बने रहते हैं, तो कुछ में ठीक होकर बार-बार हो जाते हैं. यूरिन पास करने के दौरान दर्द और जलन होना भी इस एसटीआई का लक्षण हो सकते हैं. इसके अलावा प्रोस्टेट ग्लैंड में सूजन, प्राइवेट पार्ट में कोई घाव होना भी एचआईवी का लक्षण हो सकता है.
ये भी पढ़ें- Indo-Pak Tension: तनाव के बीच इस तरह खुद को रखें सुरक्षित, घर में जमा करें ये चीजें
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.