Baba Ramdev Tips: रामदेव ने बवासीर के इलाज के लिए एक देसी उपाय बताया है, जिससे हमेशा के लिए यह समस्या खत्म हो सकती है.यह बीमारियां पेट खराब होने और मल द्वार या गुदा मार्ग से जुड़ी हैं. जब किसी कि पाचन तंत्र खराब होता है, तो उसे कब्ज हो सकता है जिससे मल ठीक से नहीं निकल पाता. लंबे समय तक कब्ज की शिकायत बवासीर को जन्म देती है, जिसमें गुदा मार्ग के अंदर और बाहर मस्से हो जाते हैं और उनमें दर्द और खून बह सकता है.
क्या है बवासीर के लक्षण
इन बीमारियों के लक्षणों में मल त्याग के दौरान दर्द, ब्लीडिंग, गुदा क्षेत्र में खुजली, लालीपन और सूजन शामिल है.
बवासीर का इलाज नहीं कराने से यह फिशर और भगंदर का भयंकर रूप ले लेती हैं, जिसके लिए सर्जरी की जरूरत होती है.
इन गंदी बीमारियों से बचने और इनका इलाज करने के लिए अगर आप दवाओं या सर्जरी नहीं कराना चाहते हैं, तो आप नागदोन के पौधे के पत्तों का इस्तेमाल कर सकते हैं.
हरे पत्ते
रामदेव ने बताया कि है कि ये हरे पत्ते बवासीर को पूरी तरह खत्म कर सकते हैं. रामदेव ने बताया कि बवासीर जैसी बीमारियों में फाइबर वाली और हल्की चीजों का सेवन ज्यादा करना चाहिए. इस समस्या में आपको साग-सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए. हो सके तो लौकी का जूस ज्यादा पिएं. रामदेव ने बताया कि बवासीर या भगंदर जैसी बीमारियों में खाने-पीने का बहुत ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है. रामदेव ने सलाह दी है कि बवासीर के मरीजों को गर्म चीजों के सेवन से बचना चाहिए.सबसे बड़ी बात यह है कि कब्ज मत होने देना.
ऐसे करें इस्तेमाल
रामदेव ने बताया कि नागदोन के तीन पत्तों को पानी में धोकर खाली पेट चबा लीजिए. इसका स्वाद थोड़ा खट्टा-मीठा सा लगता है खाने में. नागदोन को कई नामों से जाना जाता है. यह बवासीर सहित कई विकारों के इलाज में सहायक है. एक आयुर्वेदिक औषधीय पौधा है. यह भारत के कई भागों में खासकर पहाड़ी और वन क्षेत्रों में पाया जाता है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.