कभी-कभी यह होता है कि हम फोन को स्क्रॉल करते टाइम खुद को रोक नहीं पाते हैं. वहीं कुछ लोगों को तो फोन की ऐसी आदत होती है कि वो खाना खाते समय, फ्रेश होते टाइम या फिर कुछ और काम करते वक्त भी बस फोन को स्क्रॉल करते रहते हैं. आपने देखा होगा कि जब भी आप या आपके आसपास के लोग सुबह का सबसे जरूरी काम करने के लिए जाते हैं तो फोन को अपने साथ लेकर जाते हैं और वहां बैठ कर भी बस फोन स्क्रॉल करते रहते हैं. सुबह का सबसे जरूरी काम मतलब कि फ्रेश होना. कई लोग ऐसा करते हैं कि बिना फोन देखें तो वो फ्रेश ही नहीं हो पाते हैं, लेकिन ऐसा क्यों होता है.
क्या है डोपामाइन?
डोपामाइन एक न्यूरोट्रांसमीटर, एक रासायनिक संदेशवाहक है जो मस्तिष्क और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के बीच संचार की सुविधा प्रदान करता है. यह आपके तंत्रिका तंत्र के विभिन्न हिस्सों के बीच संदेश भेजता है, जिससे आपके शरीर और मस्तिष्क को आपकी हरकत से लेकर आपके मिजाज तक सब कुछ समन्वित करने में मदद मिलती है. डोपामाइन केवल तभी सक्रिय नहीं होता जब हम आनंददायक चीजें करते हैं. यह पहले से ही सक्रिय होता है और हमें आनंद की तलाश करने के लिए प्रेरित करता है.
सोशल मीडिया का इस्तेमाल
हालांकि, आधुनिक तकनीक ने डोपामाइन के प्रभावों को बढ़ा दिया है, जिससे नकारात्मक परिणाम सामने आए हैं. सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग, जुआ, शराब पीना, नशीली दवाओं का उपयोग, सेक्स, पोर्नोग्राफी और गेमिंग जैसी गतिविधियां डोपामाइन के रिसाव को उत्तेजित कर सकती हैं, जिससे लत और बाध्यकारी व्यवहार का चक्र बन सकता है.
रिसर्च में हुआ खुलासा
रिसर्च से पता चला है कि आपको जो संगीत पसंद है उसे सुनने से आपका मस्तिष्क ज्यादा डोपामाइन छोड़ता है, जिससे आपको एक सुखद अनुभव मिलता है. और हां, जिन लोगों की संगत हमें पसंद है उनके साथ समय बिताना डोपामाइन को सक्रिय करने का एक और बढ़िया तरीका है. इन आदतों को दैनिक जीवन में शामिल करने से आपके मस्तिष्क के प्राकृतिक डोपामाइन उत्पादन में सहायता मिल सकती है और आपको प्रेरणा, मनोदशा और समग्र स्वास्थ्य में स्थायी सुधार का आनंद लेने में मदद मिल सकती है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.