एक चीज तो सबने नोटिस की ही होगी कि हमारा शरीर का सारा हिस्सा गोरा होता है, लेकिन हमारे शरीर का जो प्राइवेट पार्ट है वो अक्सर काला दिखता है या फिर क्लीयर नहीं होता है. वहीं हमारे रिप्रोडक्टिव ऑर्गन के आसापास की स्किन थोड़ी डार्क या मैली नजर आती है. जिसके लिए लोग गोरे होने की क्रीम का इस्तेमाल करते हैं. जो कि आपके लिए काफी ज्यादा खतरनात साबित हो सकती है. जिसके बारे में हाल ही में डॉ. मनन वोहरा ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर करते हुए बताया है कि अगर आप इन क्रीम का इस्तेमाल करते हो तो इससे क्या दिक्कत हो सकती है. आइए आपको बताते है.
फेक आइडियल क्रिएट
डॉ. मनन वोहरा ने बताया कि ठडार्क जेनाइटल्स का मतलब ये नहीं है कि आप अपनी केयर नहीं कर रहे हैं. आपके प्राइवेट पार्ट्स के पास की स्किन अक्सर शरीर के दूसरे हिस्सों के मुकाबले डार्क होते हैं. ऐसा हार्मोन, फ्रिक्शन और नेचुरल पिगमेंटेशन की वजह से होता है. लेकिन यहां से असली परेशानी शुरू होती है. हमने बचपन से फिल्टर्ड फोटोज, एडिटेड इमेजेज और एडल्ट कंटेंट देखे हैं, जिससे ये फेक आइडियल क्रिएट हुआ है कि हमारी बॉडीज को कैसे नजर आना चाहिए."
खुद को इनसिक्योर फील करवाना
डॉ वोहरा ने आगे कहा, "कहीं न कहीं हम फेयर जेनाइटल्स पर यकीन करने लगे हैं, ये जो गलत धारणा है तो हमें शर्म का अहसास कराता है. कई सारी महिलाएं और यहां तक कि पुरुष खुद को इनसिक्योर फील करते हैं. कई लोग इसकी वजह से इंटिमेसी को अवॉइड करते हैं, कई फिक्रमंद हो जाते हैं कि जैसे वो नीचे की तरफ दिखते हैं उसके हिसाब से उनके पार्टनर उन्हें जज कर सकते हैं."
हो सकती है ये दिक्कत
डॉ वोहरा ने समझाया, "बदकिस्मती से इस शर्म को मॉनेटाइज कर दिया गया है, कंपनी आपको स्किन वॉइटनिंग क्रीम बेचती है, जेनाइटल लाइटनिंग प्रोडक्ट्स, जो अक्सर गैरजरूरी और हार्मफुल केमिकल्स से भरे होते हैं, मुझ पर भरोसा करें, क्योंकि मेडिकली इसकी बिल्कुल भी जरूरत नहीं है. ये सेंसिटिव स्किन को डैमेज कर सकते हैं. तो समझ जाएं कि आपके प्राइवेट पार्ट के पास डार्क स्किन कोई डिफेक्ट नहीं है, और ये कुछ ऐसा नहीं है जिसे फिक्स किया जाना चाहिए."
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.