Acharya Balkrishna Tips: दही सेहतमंद गुणों से भरपूर फूड है, लेकिन इसके फायदों के लिए इसे सही तरीके से खाना जरूरी है. दही एक बेहतरीन फूड है इसका सेवन सुबह और दिन के समय करें इससे बॉडी को कई फायदे होंगे. पतंजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य हैं. उन्होंने दही खाने को लेकर कई बातें कही हैं. दही बेहद पौष्टिक और आसानी से पचने वाला आहार है जो हमें कई तरह से फायदा पहुंचाता है. लेकिन इसे खाने से इसके बार में जानना जरूरी है क्योंकि दही कब खाना चाहिए, कब नहीं खाना चाहिए और किस तरह खाना चाहिए, इसके बारे में सबको जानकारी अवश्य होना चाहिए.
इस तरीके से करें दही का सेवन
आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि दही में कुछ न कुछ मिलाकर खाना चाहिए. अकेले नहीं खाना चाहिए. उन्होंने बताया कि दही में कभी गुड़, खांड, शक्कर अथवा खीर के साथ मिलाकर खाना चाहिए. कभी-कभी मन हो तो नमक मिलाकर खा लें लेकिन नमक ज्यादा न दें और कभी-कभी ही नमक खाएं. आयुर्वेद में कहा गया है कि दही में लवण भाष्कर चूर्ण, हिमाष्टक चूर्ण आदि कुछ न कुछ मिलाकर लेना चाहिए. अगर पेट से संबंधित परेशानी है तो थोड़ा जीरा को भून लें और इसका पाउडर मिलाकर खाएं.
दही का इस टाइम ना करें सेवन
आचार्य बालकृष्ण कहते हैं कि दही को रात में नहीं खाना चाहिए. वहीं दही को कभी भी गर्म करके नहीं खाना चाहिए. आप कहेंगे कि दही को कड़ी में मिलाकर खाया जाता है. लेकिन नहीं, कड़ी में छाछ या मट्ठा मिलाया जाता है. जब आप दही को मथ देंगे तो यह मट्ठा हो जाता है. असली बात यह है कि दही को गर्म कर कभी न खाएं.
इन स्थितियों में दही न खाएं
दही को पित्तकारक माना गया है. वह कफ दोष को ठीक करता है लेकिन दही पित्तकारक होते हुए भी कफदोष को नहीं ठीक कर पाता है. इसलिए दही को सर्दी-खांसी में न खाएं. जब पित्त दोष हो तो भी दही नहीं खाना चाहिए. यानी इन मौसम में आप दही का सेवन ज्यादा न करें. बहुत ज्यादा गर्मी में भी दही को नहीं खाना चाहिए. थोड़ी सी कम गर्मी में दही का सेवन करना चाहिए.चूंकि यह कफ बढ़ाता है इसलिए वर्षा के मौसम में भी दही को कम खाना चाहिए.अगर वर्षा में कफ बने तो बिल्कुल नहीं खाना चाहिए. यह कफ और पित्त को बढ़ाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है).