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भारत समेत कई देशों में 90 फीसदी से ज्यादा पानी के बोतलों में मिले प्लास्टिक के कण

अमेरिकी स्टडी में दावा किया है कि 90 फीसदी बोतल बंद पानी में प्लास्टिक के सूक्ष्म कण और इंसानों के लिए हानिकारक तत्व मौजूद रहते हैं।

Updated on: 16 Mar 2018, 10:35 AM

वाशिंगटन:

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों एक एक जगह से दूसरी जगह आये दिन जाना पड़ता है ऐसे में साफ और शुद्ध पानी पीने के लिए उनके पास बोतल का सहार होता है। लेकिन असल मायने में ये डिब्बा बंद पानी भी शुद्ध नहीं होते है जिसका खुलासा एक स्टडी में सामने आया है।

अमेरिकी स्टडी में दावा किया है कि 90 फीसदी बोतल बंद पानी में प्लास्टिक के सूक्ष्म कण और इंसानों के लिए हानिकारक तत्व मौजूद रहते हैं। 

 भारत सहित दुनिया के विभिन्न देशों में बोतल बंद पेयजल बनाने वाली कंपनियों के लगभग 150 अरब डॉलर के वार्षिक व्यापार के बावजूद इनमें प्लास्टिक के सूक्ष्म कण और लोगों के लिए अन्य हानिकारण तत्व मौजूद रहते हैं। 

अमेरिका की एक गैर लाभकारी संस्था ओर्ब मीडिया की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इसमें पॉलीप्रोपिलीन, नायलॉन और पॉलीथिलीन टेरेफ्थेलेट जैसे तत्व मौजूद रहते हैं।

शोध में बताया गया कि जो व्यक्ति एक दिन में एक लीटर बोतल बंद पानी पीता है वह प्रतिवर्ष प्लास्टिक के दस हजार तक सूक्ष्म कण ग्रहण करता है। शोध के दौरान 90 फीसदी नमूनों में प्लास्टिक पाई गई। जिन ग्लोबल ब्रैंड्स के सैंपल लिए गए उनमें एक्वाफिना, और बिसलरी भी शामिल हैं।

बाजार में 147 अरब डॉलर प्रति वर्ष के व्यापार के साथ यह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला पेय उत्पाद उद्योग है। शोधकर्ता अभी तक हालांकि मानव शरीर पर पड़ने वाले इसके दुष्प्रभावों के बारे में सुनिश्चित नहीं हैं।

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पांच महाद्वीपों में भारत, ब्राजील, चीन, इंडोनेशिया, केन्या, लेबनान, मेक्सिको, थाईलैंड और अमेरिका से 19 स्थानों से नमूने एकत्र किए गए।

बोतल बंद पानी में प्लास्टिक के अदृश्य कणों को देखने के लिए शोध दल ने विशेष डाई और नीली रोशनी का उपयोग किया। शोध में 100 माइक्रोंस और 6.5 माइक्रोंस के आकार के दूषित कणों की पहचान हुई।

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