logo-image

चमगादड़ नहीं है निपाह वायरस का मुख्य कारण, मेडिकल रिपोर्ट में हुआ खुलासा

निपाह वायरस को लेकर ये बात सामने आई कि इसे चमगादड़ फैला रहे है लेकिन जांच में कुछ और ही बात सामने आई है।

Updated on: 27 May 2018, 07:54 PM

नई दिल्ली:

देशभर में निपाह वायरस की दहशत है। दिमाग को नुकसान पहुंचाने वाले इस वायरस ने केरल में 12 लोगों की जान ले ली। सबसे पहले यह वायरस मलेशिया के सुअर पालकों में पाया गया। फिर यह सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल में 2001 में और दोबारा 2007 में पाया गया।

अब यह वायरस केरल के चार जिलों -कोझिकोड, मल्लपुरम, कन्नूर और वायनाड- में पाया गया है। निपाह वायरस को लेकर ये बात सामने आई कि इसे चमगादड़ फैला रहे है लेकिन जांच में कुछ और ही बात सामने आई है। मेडिकल रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यह वायरस चमगादड़ों से नहीं फ़ैल रहा है।

भोपाल में उच्च सुरक्षा पशु रोग प्रयोगशाला में चमगादड़ और सूअरों के कुल 21 नमूने भेजे गए थे। प्रयोगशाला से आये परिणामों के मुताबिक सभी नेगेटिव पाए गए।

केंद्रीय पशुपालन आयुक्त एसपी सुरेश की अगुआई वाली एक टीम ने प्रभावित क्षेत्रों में जानवरों की जांच की थी। उन्होंने कहा कि जानवरों में निपाह वायरस की किसी तरह के घटना की पहचान नहीं हुई है और इस वायरस से सिर्फ इंसान प्रभावित हुए हैं।

कोजहिकोडे और मलप्पुरम जिलों में अचानक हुई मौतों के बाद लोग घर छोड़ कर जा रहे हैं। केरल सरकार ने निपाह वायरसकी गिरफ्त में आये मरीजों के लिए पांच लाख रु की भरपाई का ऐलान किया है।

और पढ़ें: निपाह वायरस को लेकर सतर्क हुईं राज्य सरकारें, बिहार-सिक्किम ने जारी की हेल्थ एडवाइजरी

निपाह वायरस के संपर्क में आने पर सांस लेने में दिक्कत, बुखार, बदन दर्द, कफ आदि की समस्या हो सकती है। केरल सरकार ने इस बीमारी से बचाव के उपाय के लिए एक एंटी वायरल रिबावरिन का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।

निपाह के सामान्य लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, शरीर दर्द, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, उल्टी, दस्त, बेहोशी, सुस्ती आना आदि शामिल हैं।

और पढ़ें: कैराना उपचुनावः BJP सासंद ने किया आचार संहिता का उल्लंघन, मामला दर्ज