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गर्मियों में होने वाली एलर्जी आपको कर सकती है परेशान, अपनाएं ये टिप्स

आसमान में पारा जितनी तेजी से बढ़ता जा रहा है, गर्मियां उतना ही शरीर को झुलसाने लगी है। इस मौसम में अक्सर लोगों को एलर्जी की समस्या हो जाकी है।

Updated on: 13 May 2017, 06:07 PM

नई दिल्ली:

आसमान में पारा जितनी तेजी से बढ़ता जा रहा है, गर्मियां उतना ही शरीर को झुलसाने लगी है। इस मौसम में अक्सर लोगों को एलर्जी की समस्या हो जाकी है।

गर्मियों के मौसम हमारे शरीर का वास्ता अनेक तरह के एलर्जी कारक तत्वों से पड़ता है और इनके जवाब में तंत्रिका तंत्र एलर्जी विरोधी एंटीबॉडीज का निर्माण करने लगता है, जिन्हें इम्यूनोग्लोबिन्स कहते हैं।

ये आंखों, नाक, फेफड़ों और त्वचा में मौजूद रहते हैं। जब कोई व्यक्ति इन एलर्जेन्स के सम्पर्क में आता है, तब शरीर हिस्टामाइन्स नामक रसायन उत्पन्न करता है, जिससे एलर्जी की समस्या उत्पन्न होती है।

इस बारे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) व हार्ट केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल कहा, 'गर्मियों में एलर्जी से होने वाली सामान्य तकलीफों में प्रमुख हैं- निरंतर सिर दर्द, नाक के बजाय मुंह से सांस लेने की मजबूरी, कान बंद हो जाना, गले में जकड़न और ढंग से नींद न आना। यदि इनमें से कोई भी लक्षण आपकी नजर में आए तो डॉक्टर से सलाह लें और उचित इलाज कराएं।

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एलर्जी से बचने के लिए ये उपाय अपनाएं :

  • बाहर निकलते समय अपने साथ पानी की बोतल रखें। अधिक गर्मी में पसीने के कारण शरीर से खनिज लवणों का ह्रास होता रहता है। इसकी भरपाई के लिए पानी में थोड़ा स्वाद, नमक व मिठास घोल लेना उपयुक्त होगा। धूप में बाहर निकलने से पहले सनस्क्रीन लोशन या नारियल का तेल लगाएं। सनस्क्रीन लोशन और नारियल का तेल त्वचा पर एक परत चढ़ाता है।

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  • गर्मियों के मौसम में हमें अपनी त्वचा के साथ साथ आंखों का भी पूरा ध्यान रखना चाहिये गर्मियों में आंखों में वायरल संक्रमण(आई फ्लू) होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए बाहर निकलते समय काला चश्मा, हैट आदि पहना जा सकता है।
  • चीनी युक्त पेय व डिब्बाबंद जूस न पिएं, क्योंकि ये शरीर में तरल पदार्थो के अवशोषण की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं। मौसमी फलों व सब्जियों का सेवन करें। खासतौर पर तरबूज, खरबूज, ककड़ी जैसे फलों का सेवन करें, जिनमें जल व लवणों की मात्रा अधिक होती है।

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  • गहरे रंग वाले और तंग वस्त्र न पहनें। ये त्वचा पर मौजूद छिद्रों को बंद करके शरीर का तापमान बढ़ाने का काम कर सकते हैं। हल्के रंगों वाले और ढीले ढाले व सूती वस्त्रों को प्राथमिकता दें। छायादार स्थान में रहना लाभदायक रहता है, परंतु यदि यात्रा करना आवश्यक हो तो शरीर को ठंडा और आरामदायक रखने की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें।
  • शुद्ध हवा के अभाव और शुष्कता के चलते अंदरूनी अंगों में म्यूकस मैम्बरेन सूखने लगती है, जिससे गले में खराश पैदा हो जाती है। इसके अलावा इन दिनों आंधी चलने से अक्सर घरों में धूल के कण अधिक प्रवेश कर जाते हैं, जो अस्थमा के रोगियों के लिए समस्या पैदा कर सकते हैं। ऐसे में उन्हें गर्मियों में बाहर निकलने में सावधानी रखनी चाहिए।

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खूब सारा पानी पियें जिससे बॉडी हाइड्रेट रहे। साथ ही बॉडी नैचुरली क्लीन होती रहे। अगर एलर्जी बहुत ज्यादा है तो डॉक्टर को चैक करवाएं। एलर्जी को कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर द्वारा बताई मेडिसिन लें।

IANS के इनपुट के साथ