हरियाणा के शिक्षा विभाग में हिंदी भाषा को दिया गया बढ़ावा : महिपाल ढांडा

हरियाणा के शिक्षा विभाग में हिंदी भाषा को दिया गया बढ़ावा : महिपाल ढांडा

हरियाणा के शिक्षा विभाग में हिंदी भाषा को दिया गया बढ़ावा : महिपाल ढांडा

author-image
IANS
New Update
हरियाणा के शिक्षा विभाग में हिंदी भाषा को दिया गया बढ़ावा : महिपाल ढांडा

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

चंडीगढ़, 5 अगस्‍त (आईएएनएस)। हरियाणा के शिक्षा विभाग में 80 प्रतिशत से अधिक काम अब हिंदी में होने लगा है। यह जानकारी शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने मीडिया से बातचीत के दौरान दी।

Advertisment

उन्‍होंने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि हमने हिंदी को बढ़ावा देने के लिए घोषणा की थी कि तीन महीने के भीतर शिक्षा विभाग में सभी काम हिंदी में शुरू हो जाएंगे। आज, मैं संतोष के साथ कह सकता हूं कि मुझे मिलने वाली 80 प्रतिशत से अधिक फाइलें अब हिंदी में हैं। हमने अधिकारियों से कहा है कि अगले एक महीने तक सौ प्रतिशत हिंदी भाषा में काम करें और फाइलें मेरे पास लाएं।

अन्‍य भाषाओं के सवाल पर उन्‍होंने कहा कि कोई किसी भी भाषा का इस्‍तेमाल करे मुझे आपत्ति नहीं है। मेरा अनुरोध है कि हर किसी को हिंदी भाषा का प्रयोग करना चाहिए, क्‍योंकि यह देश की राष्ट्रभाषा है। मुझे गर्व है कि मैं अपनी राष्ट्रभाषा में काम करूं। उन्‍होंने सवाल किया कि चीन में कौन सी भाषा बोली जाती है, क्‍या वहां अंग्रेजी बोली जाती है क्या? फ्रांस और जापान में अंग्रेजी बोली जाती है क्‍या? हिंदी बोलने और इस भाषा में काम करने में कौन सा स्‍तर गिर जाता है। अंग्रेजी बोलने वाली पहले की सरकारों ने कौन सा परिवर्तन किया है। वहीं, मैंने प्रदेश में एनईपी को बहुत तेजी से लागू किया और देश का पहला राज्‍य बन गए।

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम एक बार फिर जेल से बाहर आ गए हैं। उसके लिए 40 दिनों की पैरोल मंजूर हुई है। इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए महिपाल ढांडा ने हुए कहा कि यह मामला कोर्ट में है। अदालत के किसी भी मामले में मेरी टिप्‍पणी उचित नहीं है।

सत्‍यपाल मलिक के निधन पर मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि एक अनुभवी नेता सत्यपाल मलिक साहब नहीं रहे। एक ऐसे अनुभवी नेता जिनकी देश को बहुत जरूरत थी, उनका लंबी बीमारी के बाद निधन बेहद दुखद और पीड़ा देने वाला है। देश की राजनीति को अच्छे और अनुभवी लोगों का मार्गदर्शन ना मिले तो कुछ चीजों से वंचित रह जाते हैं। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदना और ईश्वर से प्राथना करता हूं कि इस दुःख को सहने की हिम्मत उनके परिवार को प्रदान करें।

--आईएएनएस

एएसएच/जीकेटी

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
Advertisment