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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
पटना, 24 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार सहित उत्तर भारत के विभिन्न इलाकों में अखंड सुहागन और वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए मनाई जाने वाली हरतालिका तीज महिलाओं का सबसे पसंदीदा त्योहार है। हर साल महिलाएं हरतालिका तीज का बेसब्री से इंतजार करती हैं।
भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज के रूप में मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 26 अगस्त को मनाया जाएगा। इस खास दिन महिलाएं अखंड सौभाग्यवती की कामना के साथ निर्जला व्रत रखती हैं। इस व्रत में पारंपरिक मिठाइयों का खास महत्व है। हरतालिका तीज के मौके पर घर-घर पेड़किया और ठेकुआ बनाने और उसका भगवान को भोग लगाने की परंपरा है।
यही कारण है कि हरतालिका तीज के दो-तीन दिन पहले से ही लोगों के घरों से पेड़किया बनने की सोंधी खुशबू आने लगती है। वैसे पेड़किया बिहार की लोकप्रिय मिठाइयों में से एक है। इसे आटे या मैदे की पतली लोई में नारियल, चीनी और सूखे मेवों को भरकर तैयार किया जाता है और उसे फिर घी में तलकर कुरकुरा किया जाता है। बच्चे इस मिठाई को काफी पसंद करते हैं और बड़े चाव से खाते हैं।
पेड़किया को पूजा में चढ़ाना शुभ माना जाता है। कुछ इलाकों में इसे गुंजिया भी कहा जाता है। हरतालिका तीज के मौके पर बाजारों में भी पेड़किया की कई अस्थायी दुकानें खुल जाती हैं। जो लोग घरों में नहीं बना पाते, वे बाजारों से खरीद लेते हैं।
पर्व-त्योहार में हरतालिका तीज का काफी महत्व है। तीज व्रत रखने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। वैवाहिक जीवन में शांति बनाए रखने और पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं व्रत रखती हैं। सोलह श्रृंगार कर भगवान शिव की आराधना करती हैं। हरतालिका तीज निर्जला व्रत है। कई स्थानों पर अविवाहित लड़कियां भी मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। मान्यता है कि माता पार्वती ने भी भगवान शिव को पाने के लिए कठिन तपस्या की थी।
--आईएएनएस
एमएनपी/एएस
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