पटना, 9 जून (आईएएनएस)। केंद्र में एनडीए सरकार के 11 साल पूरे होने पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रिपोर्ट कार्ड जारी किया। इस पर जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि हर व्यक्ति के लिए विकास और उनका सशक्तिकरण सरकार का प्राथमिक लक्ष्य है और उस दिशा में काफी काम हुआ है, यह सरकार की बड़ी उपलब्धियों में से है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 11 साल में हर क्षेत्र का विकास किया है।
उन्होंने कहा कि देश में आधारभूत संरचना से लेकर कमजोर वंचित लोगों के सशक्तिकरण को लेकर बड़े फैसले हुए हैं। जिन राज्यों को संसाधन नहीं मिलते थे, उन राज्यों को विकास की मुख्य धारा में आने का अवसर संसाधनों के अतिरिक्त सुविधा के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनिश्चित करने का काम किया है, उसका सबसे बड़ा उदाहरण बिहार है।
राजीव रंजन प्रसाद ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की अभूतपूर्व सफलता ने यह साबित कर दिया कि हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि अगर देश की तरफ किसी ने भी आंख उठाकर देखने की कोशिश की तो भारतीय सेना के जवान उसे मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं। पाकिस्तान इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। पाकिस्तान ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और भारतीय सेना की ताकत को देख लिया है। सेना ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया और पाकिस्तान के एयरबेस व डिफेंस सिस्टम को भी नष्ट कर दिया।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को हर तरह से हमलोगों ने कमजोर और बेनकाब कर दिया है। प्रधानमंत्री ने उसकी आर्थिक रूप से नाकाबंदी की, सिंधु जल समझौते को ठंडे बस्ते में डालकर पीने और सिंचाई के पानी के लिए पाकिस्तान को तरसने के लिए विवश कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कुछ भी इस देश की जनता के लिए तय किया था, उन संकल्पना को जमीन पर उतारने का काम किया है ।
वहीं, राजद सांसद मनोज झा के आरक्षण के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हैरानी है, यह बगलें झांकते रहे और फैसले हो गए। बिहार में सफलतापूर्वक जातीय जनगणना का सर्वे नीतीश कुमार ने करवाया और राष्ट्रीय स्तर पर जनगणना के साथ जातीय जनगणना कराने का निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिया है।
उन्होंने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि छह दशक कांग्रेस ने हुकूमत की है, उन्होंने आरक्षण और जातीय जनगणना को लेकर कोई फैसला नहीं किया है। राजद की बात करें तो मनोज झा को यह जरूर बताना चाहिए कि अगर संविधान जातीय जनगणना के सर्वे की अनुमति राज्यों को देता है तो साल 1990 से 2005 में लालू और राबड़ी की सरकार ने सर्वे क्यों नहीं करवाया। वह लोगों को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं।
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