मुंबई, 7 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री संजय शिरसाट ने मराठी भाषा को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमने हमेशा कहा है कि चाहे लोग बिहार, बंगाल या पंजाब से आएं, यहां सबके लिए जगह है।
उन्होंने आगे कहा कि कोई भी आए और अपनी आजीविका कमाए, कोई समस्या नहीं है और हमने कभी किसी का विरोध नहीं किया। बात सीधी है, जब आप यहां रहते हैं, तो जैसे आपको कर्नाटक में कन्नड़ या पश्चिम बंगाल में स्थानीय भाषा सीखने की जरूरत होती है, तो यहां मराठी सीखने में क्या समस्या है?
मराठी भाषा विवाद पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के विवादित बयान पर उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में मराठी भाषा अनिवार्य है। सभी को इस पर गर्व और स्वाभिमान होना चाहिए। हम लोगों ने ये कभी नहीं कहा कि हिंदी अच्छी भाषा नहीं है। हम लोगों के कहा कि इसे अनिवार्य नहीं किया जाए। इस मामले को बेवजह मुद्दा बनाना उचित नहीं है। समाज के भाषा को लेकर विभेद पैदा करना उचित नहीं है।
भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने मराठी भाषा को लेकर मनसे और शिवसेना को खुली चुनौती दी है। जिसपर मंत्री संजय शिरसाट ने कहा कि ऐसे लोग बयानबाजी करके खुद को चर्चा में लाने की कोशिश करते हैं। उनको लगता है कि वो इस तरह के बयान देकर अपना नाम कमा सकते हैं। लेकिन, उन्हें नहीं पता कि इससे उनकी छवि को धक्का लगेगा। कुछ लोग ऐसे हैं, जो बयान देने के बाद माफी मांग लेते हैं, ऐसी ही नौबत उनकी भी आने वाली है।
वहीं केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने हिंदी भाषा और मराठी को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हिंदी भाषा का प्रभाव कमजोर है। जो लोग मुंबई में पैदा हुए हैं, चाहे वे किसी दूसरे राज्य के हों, उन्हें मराठी अच्छी आती है। वे मराठी बोलते हैं, लेकिन दादागिरी के लहजे में यह कहना कि सबको मराठी बोलनी चाहिए, यह ठीक नहीं है। हम इसकी निंदा करते हैं।
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