नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने योगी सरकार में हाल ही हुई कांस्टेबल भर्ती पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह एक रूटीन कार्य था। इसमें कुछ नया नहीं था लेकिन सरकार की ओर से इसका जोरदार प्रचार किया गया।
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पोस्ट में उन्होंने लिखा, “यूपी में अभी हाल ही में हुई सिपाही भर्ती को लेकर ऐसा प्रचारित किया गया जैसे यह कोई नई बात हो, जबकि पुलिस में ऐसी भर्ती रूटीन कार्य है, ताकि बैकलॉग की बुराई पुलिस विभाग में भी न आए। लेकिन, इस भर्ती में सर्वसमाज को सही हक मिला या नहीं व उनकी ट्रेनिंग का क्या? यही आम चिंता है।
दूसरे पोस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल में भर्ती प्रक्रिया को ईमानदार बताया। उन्होंने लिखा, “बीएसपी की मेरी सरकार में यूपी में ’कानून द्वारा कानून का राज’ का न्याय-युक्त माहौल स्थापित करने के लिए एकमुश्त 1.20 लाख नए पद सृजित करके पुलिस भर्ती को ईमानदार बनाया गया, जिस शांति, व्यवस्था का लाभ बिना भेदभाव के समाज के सभी वर्गों के लोगों को मिला, जिसकी अब काफी कमी है।
बता दें कि 15 जून को लखनऊ के डिफेंस एक्सपो ग्राउंड में 60,244 नव चयनित पुलिस कांस्टेबलों को नियुक्ति पत्र बांटे गए। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि युवाओं को योग्यता के आधार पर नौकरी मिली है। उन्होंने योगी सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा कि प्रदेश अब दंगा मुक्त हो चुका है। यहां न्याय का शासन है और अब यहां पर योग्यता के आधार नौकरी दी जाती है। आज किसी युवा को एक पैसा भी नहीं देना पड़ा, न खर्ची, न पर्ची, न सिफारिश, सिर्फ योग्यता के आधार पर आप सबको चयनित किया गया।
अमित शाह ने कहा कि 12 हजार बेटियों ने भी पुलिस विभाग में अपनी जगह बनाई है। बता दें कि सिपाही नागरिक पुलिस के पदों पर 48,196 पुरुष और 12,048 महिला अभ्यर्थियों का चयन हुआ है।
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