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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
मुंबई, 2 नवंबर (आईएएनएस)। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर किसी के लिए गुस्से को काबू में रखना एक बड़ी चुनौती बन गया है। ऑफिस की परेशानियां और घर की जिम्मेदारियां, ये सब हमारे अंदर तनाव और चिड़चिड़ापन पैदा कर सकते हैं। योग सिर्फ शरीर को फिट रखने का तरीका नहीं है, बल्कि यह हमारे मन को शांत करने और नकारात्मक भावनाओं से मुक्त होने में भी मदद करता है।
जब गुस्सा बढ़ता है तो न केवल हमारे रिश्तों पर असर पड़ता है, बल्कि हमारा शरीर भी प्रभावित होता है। ऐसे में योग एक प्राकृतिक और प्रभावी उपाय के रूप में सामने आता है।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, योग में प्राणायाम और आसनों का विशेष महत्व है। प्राणायाम यानी सांसों पर नियंत्रण हमारे दिमाग और भावनाओं को शांत करने का अद्भुत तरीका है।
भस्त्रिका प्राणायाम: गुस्से को कम करने में भस्त्रिका प्राणायाम काफी मददगार माना जाता है। जब हम तेजी से सांस लेते और छोड़ते हैं, तो हमारे फेफड़ों में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है और शरीर के अंदर ऊर्जा का संतुलन सही होता है। इससे मन में एक शांति महसूस होती है। गुस्सा अक्सर तब आता है, जब हमारे शरीर और दिमाग में ऊर्जा असंतुलित हो जाती है। भस्त्रिका प्राणायाम इस असंतुलन को दूर करता है।
शीतली प्राणायाम: गुस्से को कम करने में शीतली प्राणायाम असरदार है। जब हम गहरी सांस लेते हैं तो शरीर का तापमान और मन की उत्तेजना दोनों नियंत्रित होती हैं। गुस्से के समय शरीर और दिमाग गर्मी और उत्तेजना से भर जाते हैं, जिससे प्रतिक्रिया तेज और नियंत्रण कम हो जाता है। शीतली प्राणायाम करने से शरीर अंदर से ठंडा महसूस करता है और मन शांत होने लगता है, जिससे आप अपनी भावनाओं पर बेहतर नियंत्रण कर सकते हैं। यह एक तरह से मन को ठंडक पहुंचाकर गुस्से को शांत करने की प्रक्रिया है।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम: मानसिक संतुलन के लिए अनुलोम-विलोम प्राणायाम बेहद लाभकारी है। यह प्राणायाम दिमाग के दोनों हिस्सों को संतुलित करने में मदद करता है। जब दिमाग का संतुलन सही होता है, तो हमारी सोच अधिक स्पष्ट और शांत रहती है। गुस्सा अक्सर तभी आता है. जब दिमाग के कुछ हिस्से अधिक सक्रिय और उत्तेजित हो जाते हैं। अनुलोम-विलोम प्राणायाम के नियमित अभ्यास से यह असंतुलन दूर होता है और हम ज्यादा संयमित तरीके से अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर पाते हैं।
बालासन: बालासन भी गुस्से को कम करने में सहायक होता है। जब हम बालासन में झुकते हैं और शरीर को आराम देते हैं, तो मांसपेशियों में जकड़न कम होती है और दिमाग शांत होता है। गुस्सा अक्सर हमारी शारीरिक और मानसिक जकड़न से पैदा होता है और बालासन इसे दूर करने का काम करता है। यह आसन हमारे दिमाग को आराम देने और नकारात्मक भावनाओं को दूर करने में मदद करता है।
शवासन: यह बेहद प्रभावशाली आसन है। जब हम पूरी तरह से शरीर को ढीला छोड़ते हैं और ध्यान से सांस लेते हैं, तो नकारात्मक ऊर्जा धीरे-धीरे बाहर निकल जाती है। शवासन का अभ्यास मानसिक रूप से हल्का महसूस कराता है और गुस्से जैसी तीव्र भावनाओं को शांत करता है।
--आईएएनएस
पीके/वीसी
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