गांधीनगर, 11 जून (आईएएनएस)। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बुधवार को गांधीनगर में एक उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में उन्होंने आगामी मानसून से संभावित परिस्थितियों से निपटने के लिए राज्य सरकार की तैयारियों और अग्रिम आयोजनों की जानकारी ली। बैठक में राज्य सरकार के विभागों के अलावा केंद्रीय मौसम विभाग, एनडीआरएफ और तटरक्षक बल के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
राज्य सरकार के विभिन्न विभागों ने राज्य में प्री-मानसून गतिविधियां शुरू कर दी हैं और वर्षा की स्थिति में जनजीवन पर विपरीत प्रभाव न पड़े, इसके लिए अपने विभागों की आपदा प्रबंधन योजनाएं तैयार की हैं।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र में वर्षा की स्थिति के दौरान आवश्यकता पड़ने पर प्रशासन की मदद के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम समय पर पहुंच सके, इस उद्देश्य से कच्छ और सौराष्ट्र के लिए एक टीम को स्थायी रूप से तैनात करना आवश्यक है। उन्होंने इसके लिए एनडीआरएफ के साथ आवश्यक समन्वय के लिए राजस्व विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ. जयंती रवि को निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री पटेल ने सभी विभागों के वरिष्ठ सचिवों से कहा कि मानसून के दौरान जनजीवन को बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर किए जाने वाले मरम्मत आदि कार्यों को सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से सकारात्मक रूप से लोगों तक पहुंचाना भी जरूरी है।
मुख्य सचिव पंकज जोशी और मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एमके दास सहित विभागों के वरिष्ठ सचिवों की उपस्थिति में आयोजित इस बैठक में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, सिंचाई और जल संसाधन, जलापूर्ति, ऊर्जा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, सड़क एवं भवन निर्माण और स्वास्थ्य सहित जनजीवन से सीधे जुड़े विभागों द्वारा प्री-मानसून गतिविधियों के आयोजन पर चर्चा की गई।
गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (जीएसडीएमए) ने बताया कि राज्य में शहरी क्षेत्रों में महानगर पालिका, जिला और तहसील स्तर की आपदा प्रबंधन योजना में सामुदायिक भागीदारी को बढ़ाने के साथ ही मॉकड्रिल और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस उद्देश्य से लगभग 9 हजार आपदा मित्रों को राहत और बचाव कार्यों का गहन प्रशिक्षण देने का भी आयोजन है।
मुख्यमंत्री ने भारी वर्षा की स्थिति में सड़कों और हाईवे के क्षतिग्रस्त होने पर तत्काल मरम्मत करने के साथ ही वैकल्पिक रूट तैयार रखने के संबंध में मार्गदर्शन दिया। बैठक में सड़क एवं भवन विभाग के सचिव ने बताया कि राज्य के छोटे पुलों और कोज-वे का 90 फीसदी प्री-मानसून निरीक्षण हो गया है।
ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस.जे. हैदर ने बताया कि ऊर्जा विभाग वर्षा की स्थिति में बिजली आपूर्ति के प्रभावित होने पर उसे तत्काल बहाल करने के लिए सैटेलाइट फोन सहित पर्याप्त उपकरणों और मैनपॉवर से सुसज्जित है।
मुख्य सचिव पंकज जोशी ने जिलों में कंट्रोल रूमों को लगातार कार्यरत रखने के लिए और प्रत्येक जिले की आवश्यकता के अनुसार उन्हें संसाधन-सामग्री या अन्य मदद मुहैया कराने के लिए संबंधित विभागों को सुझाव दिए।
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