गुजरात में स्वामित्व योजना: अब मुफ्त मिलेगी संपत्ति की सनद, 25 लाख ग्रामीणों को राहत

गुजरात में स्वामित्व योजना: अब मुफ्त मिलेगी संपत्ति की सनद, 25 लाख ग्रामीणों को राहत

गुजरात में स्वामित्व योजना: अब मुफ्त मिलेगी संपत्ति की सनद, 25 लाख ग्रामीणों को राहत

author-image
IANS
New Update
‘Swamitva’ scheme

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

गांधीनगर, 21 जुलाई (आईएएनएस)। गुजरात के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोगों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा हुई है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण संपत्ति धारकों को उनकी रिहायशी संपत्ति के मालिकाना हक को दर्शाने वाली सनद (स्वामित्व प्रमाण पत्र) मुफ्त प्रदान करने का ऐलान किया है।

Advertisment

इस निर्णय से पहले सनद के लिए 200 रुपये का शुल्क देना पड़ता था, जिसे अब पूरी तरह माफ कर दिया गया है। इस कदम से राज्य के लगभग 25 लाख ग्रामीण संपत्ति धारकों को आर्थिक बोझ से मुक्ति मिलेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर शुरू हुई स्वामित्व योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्तियों का ड्रोन सर्वेक्षण कर प्रॉपर्टी कार्ड प्रदान करना है। इस योजना के तहत ड्रोन टेक्नोलॉजी की मदद से गांवों की आबादी वाले क्षेत्रों की संपत्तियों का सर्वे किया जाता है। पहली बार प्रॉपर्टी कार्ड की प्रति मुफ्त दी जाती थी, लेकिन सनद के लिए 200 रुपये का सर्वेक्षण शुल्क लिया जाता था।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भूमि राजस्व अधिनियम 1879 के प्रावधानों के तहत इस शुल्क को हटाने का फैसला किया है। अब ग्रामीण संपत्ति धारकों को प्रॉपर्टी कार्ड के साथ-साथ सनद भी मुफ्त मिलेगी। इस निर्णय के लिए गुजरात सरकार 25 लाख ग्रामीण संपत्तियों की सनद वितरण पर 50 करोड़ रुपए का खर्च वहन करेगी।

यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों के लिए वरदान साबित होगा। मुख्यमंत्री का यह संवेदनशील फैसला ग्रामीणों के लिए संपत्ति के मालिकाना हक के दस्तावेज प्राप्त करना आसान बनाएगा और उनकी जिंदगी को और सुगम करेगा। स्वामित्व योजना का मकसद ग्रामीण नागरिकों को उनकी संपत्तियों पर कानूनी अधिकार दिलाना और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करना है।

प्रॉपर्टी कार्ड के जरिए संपत्ति से जुड़े विवादों और कानूनी मामलों में कमी आएगी। यह योजना ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने, निश्चित भूमि रिकॉर्ड तैयार करने और कर वसूली को पारदर्शी बनाने में भी मददगार साबित होगी।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के इस निर्णय से गुजरात के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोगों को अपनी संपत्ति का मालिकाना हक आसानी से मिलेगा। यह कदम न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि ग्रामीण विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

--आईएएनएस

एसएचके/केआर

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
Advertisment