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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
गांधीनगर, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। गुजरात सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) संकट की घड़ी में राज्य के नागरिकों के लिए एक सशक्त सुरक्षा-कवच के रूप में उभरा है। प्राकृतिक आपदाओं और दुर्घटनाओं से लेकर गंभीर बीमारियों और जीवन-रक्षक उपचारों तक, इस कोष का दायरा लगातार विस्तृत होता जा रहा है। विशेष रूप से स्वास्थ्य सहायता के क्षेत्र में सीएमआरएफ ने हजारों परिवारों को समय पर मदद, आर्थिक राहत और नई उम्मीद प्रदान की है।
सीएम भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री राहत कोष को अधिक संवेदनशील, त्वरित और जन-केन्द्रित बनाया गया है, ताकि कोई भी जरूरतमंद आर्थिक तंगी के कारण उपचार से वंचित न रहे। उनकी प्राथमिकता “लोगों का जीवन और स्वास्थ्य सर्वोपरि” के अनुरूप यह कोष आज आम नागरिकों के लिए वास्तविक सहारा और भरोसे का माध्यम बन चुका है।
गुजरात सरकार के मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के ऐसे मरीजों को जीवन-रक्षक चिकित्सा उपलब्ध कराना है, जिनके लिए महंगे उपचार संभव नहीं हो पाते। कैंसर, हृदय रोग, किडनी और लिवर फेल्योर, तथा ऑर्गन ट्रांसप्लांट जैसी गंभीर स्थितियां इस सहायता के दायरे में आती हैं।
पात्रता मानदंडों के तहत आवेदक की वार्षिक आय 4 लाख रुपए (वरिष्ठ नागरिकों के लिए 6 लाख रुपए) से कम होनी चाहिए। इसके साथ निवासी प्रमाण-पत्र, उपचार का विस्तृत अनुमान और संबंधित मेडिकल दस्तावेज आवश्यक हैं। आवेदन प्राप्त होने के बाद राजस्व विभाग द्वारा विस्तृत सत्यापन किया जाता है। इसके पश्चात पूरी फाइल मुख्यमंत्री राहत कोष समिति के समक्ष भेजी जाती है, जिसमें राहत आयुक्त, अपर मुख्य सचिव (राजस्व), मुख्य सचिव और स्वयं मुख्यमंत्री शामिल होते हैं। समिति की मंजूरी के बाद स्वीकृत राशि सीधे अस्पताल या रोगी के खाते में स्थानांतरित की जाती है, जिससे मरीज को समय पर उपचार में कोई बाधा न आए।
2021 से 2025 के बीच मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में संचालित मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) ने गुजरात में कैंसर से जूझ रहे 2,106 मरीजों को महत्वपूर्ण आर्थिक सहायता प्रदान की है जिससे उन्हें नया जीवनदान मिला है। इस अवधि में 2,106 कैंसर मरीजों के उपचार के लिए सीएमआरएफ की ओर से 31.55 करोड़ रुपए से अधिक की राशि वितरित की गई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा साझा किए गए रोग-वार आंकड़ों के अनुसार, ब्लड कैंसर (जिसमें बोन मैरो ट्रांसप्लांट के मामले भी शामिल हैं) के 450 मरीजों को राहत मिली, जबकि अन्य प्रकार के कैंसर से पीड़ित 1,656 मरीजों को सीएमआरएफ से आर्थिक सहायता मिली है।
कैंसर सहायता के अलावा, सीएमआरएफ के तहत लिवर, किडनी, हृदय और फेफड़ों के प्रत्यारोपण जैसे महंगे और जटिल उपचारों में भी महत्वपूर्ण आर्थिक मदद दी जा रही है।
अहमदाबाद स्थित गुजरात कैंसर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (जीसीआरआई), राजकोट के नथालाल पारिख कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट और बी.टी. सावानी हॉस्पिटल, सूरत के भारत कैंसर हॉस्पिटल, किरण मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल और एएआईएचएमएस जैसे प्रमुख चिकित्सा संस्थान मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत सहायता व्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि इन सभी अस्पतालों में कैंसर से संबंधित आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं और आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में समय पर उपचार भी सुनिश्चित किया जाता है।
--आईएएनएस
एसके/
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