गांधीनगर, 25 जुलाई (आईएएनएस)। गुजरात उत्सव प्रिय राज्य है, जो प्रत्येक उत्सव के साथ उसकी विविधतापूर्ण संस्कृति को मनाता है। राज्य के डांग जिले में स्थित तथा गुजरात के चेरापूंजी के रूप में जाना जाने वाला सापुतारा वर्षा ऋतु में सोलह कलाओं से खिल उठता है और इस रमणीय हिल स्टेशन पर पर्यटकों की अभूतपूर्व भीड़ देखी जाती है। इसमें भी हर वर्ष आयोजित होने वाले सापुतारा मानसून फेस्टिवल का पर्यटकों में विशेष आकर्षण होता है। इस उत्सव के कारण सापुतारा में पर्यटन के साथ-साथ स्थानीय रोजगार भी प्रोत्साहन मिला है।
इस वर्ष सापुतारा मानसून फेस्टिवल 26 जुलाई 2025 से 17 अगस्त 2025 के दौरान आयोजित होगा और उसके विभिन्न आकर्षणों से आगंतुकों को मंत्रमुग्ध करेगा। तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से सापुतारा मानसून फेस्टिवल की शुरुआत कराई गई थी। आज यह फेस्टिवल देश-विदेश के पर्यटकों में आकर्षण का केंद्र बना है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात सरकार डांग में पर्यटन, विकास एवं रोजगार को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है। उनके मार्गदर्शन में गुजरात पर्यटन निगम लिमिटेड (टीसीजीएल) द्वारा आयोजित सापुतारा मानसून फेस्टिवल 2025 का 26 जुलाई को रंगारंग कार्यक्रम प्रारंभ होगा और सापुतारा विभिन्न सांस्कृतिक एवं प्रादेशिक प्रवृत्तियों द्वारा जीवंत बन जाएगा। यह फेस्टिवल आदिवासी संस्कृति, प्राकृतिक सौंदर्य और स्थानीय परंपराओं के प्रचार का माध्यम बना है। इस महोत्सव में भाग लेने तथा महोत्सव को निहारने के लिए न केवल गुजरात, अपितु अन्य राज्यों से भी सैलानी उमड़ पड़ते हैं।
अथाह प्राकृतिक सौंदर्य से समृद्ध पर्वतीय स्थल सापुतारा में आयोजित मॉनसून फेस्टिवल की विशेषता यह है कि पर्यटकों को डांग की समृद्ध संस्कृति, रीति-रिवाज, परंपरागत भोजन, जीवनशैली, नृत्य कला की झलक तो देखने को मिलती ही है, साथ ही विभिन्न विविधतापूर्ण संस्कृतियों की भी झांकी होती है। सापुतारा मानसून फेस्टिवल 2025 में इस वर्ष पहली बार ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ अंतर्गत ग्रैंड फोक कार्निवल परेड का आयोजन किया गया है, जिसमें 13 राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, असम, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा तथा ओडिशा के 350 से अधिक कलाकार भाग लेंगे। ये कलाकार परेड में परंपरागत प्रॉप्स के साथ जीवंत लोक परंपराएं प्रस्तुत करेंगे, तो इस वर्ष रेन डांस एव नेचर वॉक जैसी गतिविधियां भी शुरू की गई हैं।
सापुतारा मानसून फेस्टिवल में आयोजित ‘ग्रैंड क्लासिकल तथा लोक प्रदर्शनी’ में 13 राज्यों गुजरात, दिल्ली, तमिलनाडु, मणिपुर, केरल, राजस्थान, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल तथा असम के 80 से अधिक कलाकार उनकी शास्त्रीय कला व लोक परंपराओं द्वारा भारत के समृद्ध सांस्कृतिक रंग प्रस्तुत करेंगे। मॉनसून फेस्टिवल के अन्य प्रमुख आकर्षणों में गीताबेन रबारी, पार्थ ओझा, राग मेहता जैसे विख्यात गुजराती कलाकार के अलावा केरल का विख्यात थेककिनकाडु अट्टम म्यूजिकल बैंड भी विशेष परफॉर्मेंस देंगे।
इतना ही नहीं, पर्यटकों को समग्र सापुतारा में टैब्लो शो देखने को मिलेंगे, तो संडे साइक्लोथोन, दहीं-हांडी प्रतियोगिता के साथ कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव तथा स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित मिनी मैराथन आदि कार्यक्रम सांस्कृतिक तथा देशभक्ति की भावना को उजागर करेंगे।
सापुतारा मानसून फेस्टिवल में पर्यटकों के आगमन के फलस्वरूप डांग तथा उसके आसपास के क्षेत्रों में रोजगार के साथ आय के स्रोत बढ़े हैं, जिससे स्थानीय लोगों के जीवन स्तर पर सुधार हुआ है। सापुतारा आने वाले पर्यटक डांग की स्थानीय संस्कृति से परिचित हों और स्थानीय कलाकारों को भी रोजगार मिले, इस उद्देश्य से सापुतारा मानसून फेस्टिवल में विभिन्न प्रवृत्तियों का आयोजन होता है। इस बार फेस्टिवल अंतर्गत सापुतारा मेन सर्कल, गवर्नर हिल तथा सापुतारा लेक बोट क्लब में स्थानीय कलाकारों द्वारा दैनिक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे, तो मेन डोम इवेंट्स एरिया में ट्राइबल फूड फेस्टिवल, ट्राइबल टैटू वर्कशॉप, ट्राइबल आर्ट एंड क्राफ्ट स्टॉल, वरली पेंटिंग वर्कशॉप, लोक संगीत, मैजिक शो आदि प्रवृत्तियां पर्यटकों का अनुभव यादगार बनाएंगी।
सापुतारा का आह्लादक वातावरण तथा प्राकृतिक सौंदर्य हमेशा से पर्यटकों की पहली पसंद रहा है। राज्य सरकार के पर्यटन निगम द्वारा आयोजित मानसून फेस्टिवल के फलस्वरूप डांग आने वाले पर्यटकों की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि दर्ज हो रही है। 2022 में सापुतारा आने वाले लोगों की संख्या 8.16 लाख थी, जो 2023 व 2024 में क्रमशः 11.13 लाख व 11.67 लाख दर्ज हुई थी। डांग जिले में आने वाले पर्यटकों की बात करें, तो 2022 में 10.40 लाख, 2023 में 22.40 लाख तथा 2024 में लगभग 26.91 लाख लोग डांग की यात्रा पर आए। गुजरात सरकार ने ढांचागत विकास, विशिष्ट भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रमों के आयोजनों तथा आदिजाति विकास की योजनाओं के क्रियान्वयन द्वारा डांग जिले को राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन मानचित्र पर स्थान दिलाया है।
--आईएएनएस
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