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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)। जीएसटी सुधार के तहत टैक्स सिस्टम को सरल बनाने से देश में व्यापार करना पहले के मुकाबले आसान हो जाएगा और इससे मांग को बढ़ेगी, जिससे जीडीपी में करीब 20 लाख करोड़ रुपए का इजाफा होगा। यह बयान सोमवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की ओर से दिया गया।
मीडिया से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जीएसटी सुधार से देश भर के लोग खुश हैं, क्योंकि अब उनकी आय का एक बड़ा हिस्सा बच जाएगा। इससे दैनिक उपयोग की अधिकांश वस्तुएं सस्ती हो गई हैं।
केंद्रीय मंत्री ने विपक्ष पर चुटकी लेते हुए कहा कि हमारे विपक्ष के साथी इस बचत से खुश नहीं हैं। स्वाभाविक है, उनके दौर में सिर्फ बातें होती थीं, काम तो होता नहीं था।
विस्तार से बताते हुए वैष्णव ने कहा कि कांग्रेस के नेतृ्त्व वाले यूपीए के समय में सीमेंट पर 30 प्रतिशत टैक्स लगता था, जबकि एनडीए के दौरान 18 प्रतिशत है। यूपीए के समय में महिलाओं के जरूरी सैनिटरी पैड पर 13 प्रतिशत टैक्स होता था, जो अब शून्य हो गया है।
वहीं, यूपीए के समय में फुटवियर पर 18 प्रतिशत टैक्स होता था, जो आज 5 प्रतिशत हो गया है। यूपीए के समय में रेफ्रिजरेटर पर 30 प्रतिशत टैक्स होता था, जो अब 18 प्रतिशत हो गया है। यूपीए के समय में डिटरजेंट पर 30 प्रतिशत टैक्स था, जो अब 5 प्रतिशत हो गया है।
नई जीएसटी दरें जनता के लिए बड़ी राहत लेकर आई हैं। इससे रोजमर्रा की जरूरी चीजें और लाइफ सेविंग मेडिसिन सहित लगभग 370 प्रोडक्ट पर टैक्स कम हो गया है।इसके साथ ही सरकार ने कई ऐसी चीजों पर टैक्स को घटाकर शून्य कई दिया है, जिन पर पहले 5, 12 या 18 प्रतिशत का टैक्स लगता है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि इस बदलाव का मकसद उपभोक्ताओं की डिस्पोजेबल इनकम बढ़ाकर अर्थव्यवस्था में लगभग 2 लाख करोड़ रुपए का निवेश करना है।
नए जीएसटी फ्रेमवर्क के अंतर्गत टैक्स स्लैब की संख्या चार - 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत से घटकर दो - 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत कर दी गई है। इसके अलावा लग्जरी और सिन गुड्स पर 40 प्रतिशत का अलग से टैक्स निर्धारित किया गया है।
--आईएएनएस
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