ग्रेटर नोएडा, 3 जून (आईएएनएस)। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने एक अहम कदम उठाते हुए क्षेत्र की सभी आवासीय सोसायटियों में भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को ब्रॉडबैंड सेवा को अनिवार्य कर दिया है। इसके तहत, अब बिल्डर और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) बीएसएनएल को उनकी सोसायटियों में ब्रॉडबैंड और अन्य दूरसंचार सेवाएं प्रदान करने से नहीं रोक सकेंगे।
इस संबंध में ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने क्रेडाई (क्रेडाई एनसीआर-वेस्टर्न यूपी) को पत्र जारी किया है। पत्र में बीएसएनएल द्वारा उठाई गई चिंता का उल्लेख किया गया है कि कई आवासीय सोसायटियों में बिल्डर और आरडब्ल्यूए उन्हें सेवाएं प्रदान करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं, जिससे ग्राहकों की सेवा प्रदाता चुनने की स्वतंत्रता बाधित हो रही है।
बीएसएनएल ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि वह भारत सरकार का 100 प्रतिशत स्वामित्व वाला सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है और देशभर में किफायती दरों पर दूरसंचार सेवाएं उपलब्ध करा रहा है।
बीएसएनएल ने एफटीटीएच (फाइबर टू द होम) सेवाओं के लिए बिल्डरों, टिप्स और आरडब्ल्यूए के साथ अनुबंध किया है ताकि नवविकसित रिहायशी और व्यावसायिक परिसरों में ब्रॉडबैंड सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। बीएसएनएल का कहना है कि कई सोसायटियों में उन्हें तकनीकी दृष्टिकोण से उपयुक्त (टीएनएफ) क्षेत्रों में भी सेवाएं देने से रोका जा रहा है, जो कि ग्राहकों के अधिकारों का उल्लंघन है।
कॉम्पिटिशन एक्ट 2002 (संशोधन 2007) के अनुसार, उपभोक्ताओं को सेवा प्रदाता चुनने की स्वतंत्रता दी गई है और जिला प्रशासन ने भी इसका समर्थन किया है। प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी सौम्य श्रीवास्तव द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में क्रेडाई से अनुरोध किया गया है कि वह अपने से जुड़े बिल्डरों को निर्देश दें कि वे बीएसएनएल को उनकी परियोजनाओं में सेवाएं प्रदान करने की अनुमति दें।
इस निर्णय का उद्देश्य उपभोक्ताओं को बेहतर विकल्प देना और टेलिकॉम सेवाओं में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है। इस कदम से ग्रेटर नोएडा की हजारों सोसायटियों के लाखों निवासियों को अधिक किफायती और विविध दूरसंचार सेवाएं प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। यह न केवल ग्राहकों की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि सरकारी दूरसंचार नीति के अनुरूप भी है।
--आईएएनएस
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