ग्रेटर बेंगलुरु गवर्नेंस (संशोधन) विधेयक 2025 विधान परिषद से पारित

ग्रेटर बेंगलुरु गवर्नेंस (संशोधन) विधेयक 2025 विधान परिषद से पारित

ग्रेटर बेंगलुरु गवर्नेंस (संशोधन) विधेयक 2025 विधान परिषद से पारित

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IANS
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Greater Bengaluru Governance (Amendment) Bill 2025

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

बेंगलुरु, 21 अगस्त (आईएएनएस)। कर्नाटक विधान परिषद ने गुरुवार को ग्रेटर बेंगलुरु गवर्नेंस (संशोधन) विधेयक 2025 को मंजूरी दे दी। यह विधेयक हाल ही में विधानसभा में पारित हो चुका था। उपमुख्यमंत्री ने इस विधेयक को उच्च सदन में पेश किया। उपमुख्यमंत्री बेंगलुरु विकास विभाग के प्रभारी हैं। वहीं, संक्षिप्त चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया गया।

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विधेयक पेश करने के बाद उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह संशोधन यह सुनिश्चित करता है कि ग्रेटर बेंगलुरु प्राधिकरण संविधान के 74वें संशोधन के तहत स्थानीय निगमों के कामकाज में हस्तक्षेप न करे।

उन्होंने बताया कि यह कदम निगमों की स्वतंत्रता को मजबूत करने के लिए उठाया गया है। इस दौरान सदस्य गोविंदराजू, टी.ए. सरवण और एच.एस. गोपीनाथ के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, सरकार और निगमों में अलग-अलग राजनीतिक दल सत्ता में हैं। यह संशोधन यह गारंटी देता है कि सरकार निगमों पर दबाव नहीं डालेगी।

उन्होंने वार्ड पुनर्गठन के मुद्दे पर भी प्रकाश डाला। उपमुख्यमंत्री ने बताया, 2011 की जनगणना के अनुसार, हर वार्ड में लगभग 18,000 लोग थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 30,000 हो गई है। जब निगमों में नए क्षेत्र जोड़े जाएंगे, तो स्थानीय सदस्यों की राय ली जाएगी।

उपमुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि यह संशोधन शहर के विकास में सभी पक्षों की भागीदारी को बढ़ावा देगा। विधान परिषद में हुई चर्चा के दौरान कुछ सदस्यों ने सुझाव दिए, जिन्हें भविष्य में ध्यान में रखा जाएगा।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, यह कदम बेंगलुरु के बढ़ते शहरीकरण और जनसंख्या दबाव से निपटने के लिए जरूरी माना जा रहा है। इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य बेंगलुरु के शहरी प्रशासन को और प्रभावी बनाना है। इससे निगमों को अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभाने में मदद मिलेगी।

बता दें कि बेंगलुरु के नागरिकों में इस विधेयक को लेकर उत्साह है, क्योंकि इससे शहर की बुनियादी सुविधाओं और शहरी नियोजन में सुधार की उम्मीद जगी है। साथ ही, सरकार का दावा है कि यह कदम बेंगलुरु को एक बेहतर और व्यवस्थित महानगर बनाने की दिशा में अहम होगा। अब यह विधेयक राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद यह कानून बन जाएगा।

--आईएएनएस

एसएचके/जीकेटी

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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