सरकार तेजी से बना रही ग्रीन हाइड्रोजन इकोसिस्टम, एनआईएसई ने टोयोटा के साथ किया एमओयू : प्रल्हाद जोशी

सरकार तेजी से बना रही ग्रीन हाइड्रोजन इकोसिस्टम, एनआईएसई ने टोयोटा के साथ किया एमओयू : प्रल्हाद जोशी

सरकार तेजी से बना रही ग्रीन हाइड्रोजन इकोसिस्टम, एनआईएसई ने टोयोटा के साथ किया एमओयू : प्रल्हाद जोशी

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IANS
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New Delhi: Winter Session of Parliament

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने गुरुवार को कहा कि टोयोटा किर्लोस्कर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी (एनआईएसई) के बीच एक एमओयू हुआ है और इससे तहत भारतीय परिस्थितियों और मौसम में हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ी टोयटा मिराई का परिक्षण किया जाएगा।

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केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी गुरुवार को हाइड्रोजन से चलने वाली इसी कार से संसद भवन पहुंचे। इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, मैं आज टोयोटा मिराई हाइड्रोजन कार से संसद आया। मिराई शब्द का मतलब जापानी में फ्यूचर है। इस कार में जीरो कार्बन उत्सर्जन होता है और यह भारत के स्वच्छ भविष्य को आकार देने में हाइड्रोजन गतिशीलता की शक्ति को दिखाती है।

केंद्रीय मंत्री जोशी ने आगे बताया, देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन (एनजीएचएम) शुरू किया गया है, जिसके लिए सरकार ने करीब 24,000 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है। इस मिशन के चलते देश में ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन एनर्जी, ग्रीन फ्यूल के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आज टोयोटा किर्लोस्कर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) साइन हुआ है। टोयोटा की मिराई कार हाइड्रोजन आधारित ईंधन से चलने वाली एक नवीनतम कार है, जो पानी का भाप छोड़ती है।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा, इस गाड़ी में कोई आवाज नहीं होती, और आपको यह भी नहीं पता चलता कि गाड़ी चालू है या बंद। यह कार पूरी तरह से हाइड्रोजन से चलती है।

इसके अलावा, भारतीय रेलवे भी हाइड्रोजन से ट्रेन चलाने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया कि भारतीय रेलवे ने हाइड्रोजन ट्रेन की एक नई परियोजना शुरू की है, जिसमें आरडीएसओ (रिसर्च एंड डिजाइन स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन) द्वारा निर्धारित निर्देशों के अनुसार प्रायोगिक आधार पर हाइड्रोजन ट्रेन चलाई जाएगी।

उन्होंने कहा, हाइड्रोजन ट्रेन-सेट का निर्माण पूरा हो चुका है। इस ट्रेन के लिए जींद में हाइड्रोजन संयंत्र स्थापित किया गया है, जहां हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा।

उन्होंने आगे कहा कि यह ट्रेन ब्रॉड-गेज प्लेटफॉर्म पर चलने वाली दुनिया की सबसे लंबी (10 कोच) और सबसे शक्तिशाली (2400 किलोवाट) हाइड्रोजन ट्रेन होगी। इस ट्रेन में 1,200 किलोवाट क्षमता वाली दो ड्राइविंग पावर कार (डीपीसी) और आठ यात्री डिब्बे होंगे।

शून्य कार्बन उत्सर्जन वाली ये हाइड्रोजन ट्रेन से पर्यावरण पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। साथ ही यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भारतीय रेलवे की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

--आईएएनएस

दुर्गेश बहादुर/ एबीएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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