नई दिल्ली, 26 मई (आईएएनएस)। मशहूर भारतीय योगी और ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु को कनाडा इंडिया फाउंडेशन (सीआईएफ) ने ‘ग्लोबल इंडियन ऑफ द ईयर 2025’ पुरस्कार से सम्मानित किया। यह पुरस्कार उन्हें कॉन्शियस प्लेनेट मूवमेंट के जरिए मानव चेतना को बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण के उनके योगदान के लिए दिया गया।
पुरस्कार समारोह 22 मई 2025 को टोरंटो में संपन्न हुआ। सीआईएफ के अध्यक्ष रितेश मलिक और राष्ट्रीय संयोजक सुनीता व्यास ने यह पुरस्कार दिया। इसके साथ सद्गुरु को 50,000 कनाडाई डॉलर का पुरस्कार भी दिया गया, जिसे उन्होंने ‘कावेरी कॉलिंग’ अभियान को समर्पित कर दिया। यह पहल कावेरी नदी को पुनर्जीवित करने और 8.4 करोड़ लोगों का जीवन बेहतर बनाने के लिए है, जिसमें किसानों को 2.42 अरब पेड़ लगाने में मदद की जाती है।
रितेश मलिक ने कहा कि सद्गुरु मिट्टी की खराबी, जलवायु परिवर्तन और खाद्य गुणवत्ता जैसी वैश्विक समस्याओं के लिए व्यावहारिक समाधान देते हैं। उनकी शिक्षाएं योग, ध्यान और मानसिक स्वास्थ्य पर केंद्रित हैं, जो कनाडा की स्वास्थ्य प्राथमिकताओं से मेल खाती हैं।
सीआईएफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, सद्गुरु का संदेश गहरा है: एक सचेत और करुणामयी मानवता ही आगे का रास्ता है।
वहीं, सद्गुरु ने भारतीय समुदाय की कनाडा और भारत के विकास में योगदान की सराहना की और कहा, आपके प्यार और आतिथ्य की बहुत कद्र करता हूं। ढेर सारा प्यार और आशीर्वाद।
बता दें कि कनाडा इंडिया फाउंडेशन एक नीति संस्था है, जो कनाडा-भारत संबंधों को मजबूत करने के लिए काम करती है। ग्लोबल इंडियन अवॉर्ड भारतीय मूल के उन लोगों को दिया जाता है, जो मानवता की सेवा में उत्कृष्टता दिखाते हैं।
कॉन्शियस प्लैनेट एक वैश्विक आंदोलन है, जिसे सद्गुरु ने शुरू किया। इसका उद्देश्य व्यक्तिगत और सामूहिक चेतना को पर्यावरण के अनुकूल बनाना है। इसके तहत सॉइल मूवमेंट, रैली फॉर रिवर - कावेरी कॉलिंग, ईशा विद्या, ग्रामीण पुनर्जनन और सॉइल फार्मर्स मूवमेंट जैसे कार्यक्रम चलाए जाते हैं, जो पर्यावरण, शिक्षा और सामाजिक समस्याओं का समाधान करते हैं।
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