बीजेपी नेता प्रियंका शर्मा की तुरंत रिहाई न होने से सुप्रीम कोर्ट नाराज, लगाई फटकार
सर्वोच्च अदालत ने कहा कि ऐसे में अवमानना नोटिस जारी करना पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट का यह रुख बीजेपी नेता प्रियंका शर्मा की तुंरत रिहा के आदेश के बावजूद रिहाई नहीं होने पर आया है.
highlights
- सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई कि क्या जेल मैन्यूअल सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बड़ा है?
- सर्वोच्च अदालत ने कहा कि पहली नजर में प्रियंका की गिरफ्तारी मनमानी है.
- प्रियंका के वकील ने कोर्ट को बताया कि बीजेपी नेता से जबरन माफीनामा लिखवाया गया.
नई दिल्ली.:
पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मज़किया फोटो पोस्ट करने पर गिरफ्तार की गई बीजेपी नेता प्रियंका शर्मा को तुरंत रिहा नहीं किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार से नाराजगी जताई है. सर्वोच्च अदालत ने कहा कि ऐसे में अवमानना नोटिस जारी करना पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट का यह रुख बीजेपी नेता प्रियंका शर्मा के वकील एन के कौल के यह बताने पर आया कि कोर्ट के तुंरत रिहा करने के आदेश के बावजूद वह अब तक रिहा नहीं हुई हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने दी अवमानना की चेतावनी
यही नहीं, सर्वोच्च अदालत ने कहा कि पहली नजर में प्रियंका की गिरफ्तारी मनमानी है. अगर उसे रिहा नहीं किया गया तो अवमानना का मामला शुरू करेंगे. साथ ही कोर्ट ने कहा कि आधे घंटे में प्रियंका को रिहा किया जाए. इस पर सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि प्रियंका शर्मा को सुबह 9.40 पर रिहा किया गया और वह रात भर जेल में रहीं. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रियंका शर्मा को जमानत दी थी.
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जेल मैन्युअल के फेर में नहीं हो सकी मंगलवार को रिहाई
सर्वोच्च अदालत को पश्चिम बंगाल सरकार ने बताया कि डीजी जेल के मुताबिक उसे 9.40 बजे रिहा किया गया है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि ये आदेश कल जारी किया गया था, उसे कल रिहा क्यों नहीं किया गया? इसके जवाब में पश्चिम बंगाल सरकार ने बताया कि ये आदेश शाम पांच बजे मिला था, जेल मैन्यूअल के चलते रिहाई नहीं हो पाई. सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई कि क्या जेल मैन्यूअल सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बड़ा है?
जबरम माफीनामा लिखवाया
प्रियंका के वकील नीरज किशन कौल ने कोर्ट को बताया कि पुलिस ने इस मामले की क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की तो इसकी जानकारी राज्य सरकार और जेल प्रशासन ने ना तो प्रियंका के परिवार को दी ना ही मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया. सुप्रीम कोर्ट अब जुलाई में याचिका पर सुनवाई करेगा कि क्लोजर रिपोर्ट दाखिल होने के बाद माफी की जरूरत नहीं है. प्रियंका के वकील ने कोर्ट को बताया कि प्रियंका को रिहा करने से पहले जबरन माफीनामा लिखवाया गया.
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भाजयुमो की नेता हैं प्रियंका शर्मा
भारतीय जनता युवा मोर्चा की कार्यकर्ता प्रियंका पिछले शुक्रवार से कोलकाता की जेल में बंद थी. 25 वर्षीय प्रियंका की ओर से उनके परिवार ने दर्ज एफआईआर रद्द करने और जमानत पर रिहा करने की अर्ज़ी सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी. सोशल मीडिया पर अपनी प्रोफाइल में प्रियंका ने खुद को हावड़ा जिला भाजयुमो के क्लब सेल का संयोजक बताया है. प्रियंका ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर प्रियंका चोपड़ा-जोनास की तस्वीर पर ममता बनर्जी का चेहरा सुपर इम्पोज कर मजाकिया तस्वीर शेयर की थी. जिसके बाद हावडा पुलिस ने शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था.
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