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चुनाव आयोग की पाबंदी के बाद योगी आदित्यनाथ की तरह साध्वी प्रज्ञा ठाकुर भी करेंगी ऐसा काम

चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश की हाईप्रोफाइल सीट भोपाल से बीजेपी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के प्रचार पर 72 घंटे की पाबंदी लगा दी है.

Updated on: 02 May 2019, 09:48 AM

नई दिल्ली:

चुनाव आयोग (Election Commission) ने मध्य प्रदेश की हाईप्रोफाइल सीट भोपाल से बीजेपी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के प्रचार पर 72 घंटे की पाबंदी लगा दी है. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर (Sadhvi Pragya Thakur) के प्रचार पर यह रोक आज सुबह 6 बजे से लागू हो गई है. लेकिन प्रचार पर रोक के बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की तरह नया तरीका निकाला है. वो अब पुराने भोपाल के सोमवारा में स्थित मंदिर में भजन करेंगी.

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बता दें कि साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ यह कार्रवाई बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) विध्वंस को लेकर दिए गए विवादास्पद बयान की गई है. साध्वी प्रज्ञा ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त करने वाले लोगों में से थीं और इस पर उन्हें गर्व है. साध्वी प्रज्ञा ने चैनल से कहा, 'हमने देश से एक कलंक को मिटाया. हम ढांचा को गिराने गए. मुझे काफी गर्व है कि ईश्वर ने मुझे यह मौका दिया और मैं इस कार्य को कर सकी. हम विश्वास दिलाते हैं कि उस स्थल पर राममंदिर का निर्माण होगा.'

साध्वी के इस बयान के चंद घंटों के अंदर ही चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस थमा दिया था. साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. जांच में आयोग ने इस बयान को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना. चुनाव आयोग ने बुधवार को जारी अपने आदेश में उनके बयान की कड़ी निंदा की और उन्हें भविष्य में इस प्रकार का कदाचार नहीं दोहराने की चेतावनी दी.

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इससे पहले भोपाल (Bhopal) लोकसभा सीट से बीजेपी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने शहीद हेमंत करकरे पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. ठाकुर ने कहा था कि एटीएस के पूर्व प्रमुख हेमंत करकरे (Hemant Karkare) को उन्होंने शाप दिया था, इसलिए वह मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को हुए हमले में आतंकियों के हाथों मारे गए. इस बयान की तीखी निंदा होने पर ठाकुर ने बाद में माफी मांगी और स्वीकार किया कि करकरे एक शहीद हैं. बीजेपी ने उनके इस बयान से खुद को दूर कर लिया.

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