logo-image

रामपुर : न 'बजरंग अली', न बजरंगबली, आज वोटर महाबली, लिखेंगे आजम खान, जया प्रदा समेत 11 उम्‍मीदवारों की तकदीर

शब्‍दों की लगातार टूट रही मर्यादाओं और नेताओं की फिसलती जुबान के कारण यह सीट चर्चा का केंद्र बन गई है. यहां सपा के उम्‍मीदवार आजम की अंडरवियर पॉलिटिक्‍स और बजरंग अली का नारा वोटरों को कितना लुभाएगा इसका फैसला 23 अप्रैल को हो जाएगा.

Updated on: 23 Apr 2019, 08:47 AM

नई दिल्‍ली:

उत्‍तर प्रदेश की रामपुर सीट पर अब पूरे देश की नजर है. पहले अली फिर बजरंग अली और उसके बाद बजरंग बली के नारे क्‍या उछले सियासी हलकों में यह सीट हाई प्रोफाइल हो गई. शब्‍दों की लगातार टूट रही मर्यादाओं और नेताओं की फिसलती जुबान के कारण यह सीट चर्चा का केंद्र बन गई है. यहां सपा के उम्‍मीदवार आजम की अंडरवियर पॉलिटिक्‍स और बजरंग अली का नारा वोटरों को कितना लुभाएगा इसका फैसला 23 अप्रैल को हो जाएगा. तीसरे चरण के तहत मंगलवार को रापुर की धरती पर न बजरंग अली की चलेगी और न ही बजरंग बली, चलेगी तो सिर्फ महाबली वोटरों की जो 11 उम्मीदवारों की तकदीर लिखेंगे.

यह भी पढ़ेंः तीसरे चरण में सबसे ज्‍यादा VIP उम्‍मीदवार, अमित शाह, राहुल गांधी, संबित पात्रा, मुलायम सिंह यादव समेत 50 दिग्‍गज मैदान में

यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी की जयाप्रदा और सपा के आजम खान के बीच है. जबकि कांग्रेस ने संजय कपूर और एमडीपी ने अरसद वारसी पर दांव लगाया है. 4 उम्मीदवार बतौर निर्दलीय मैदान में हैं. 11 में से 8 उम्मीदवार मुस्लिम हैं. इस सीट पर जोरदार लड़ाई होने के आसार हैं क्योंकि जयाप्रदा के सामने समाजवादी पार्टी ने कद्दावर नेता आजम खान को मैदान में उतारा है जिनका रामपुर में गढ़ माना जाता है. पिछले चुनाव में बीजेपी के नैपाल सिंह को 37.5 फीसदी और समाजवादी पार्टी के नसीर अहमद खान को 35 फीसदी वोट मिले थे. नेपाल सिंह की जीत का अंतर मात्र 23,435 वोटों का ही था.

यह भी पढ़ेंः उत्तर प्रदेश : ऐसा बोलकर अब खुद फंस गईं जया प्रदा, दर्ज हुआ केस 

रामपुर संसदीय सीट पर 50 फीसदी से भी अधिक जनसंख्या मुस्लिम आबादी की है. हालांकि 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में यहां से भारतीय जनता पार्टी के नेपाल सिंह ने जीत दर्ज की थी. 2014 में उत्तर प्रदेश से कोई भी मुस्लिम सांसद चुनकर नहीं गया था, जो कि इतिहास में पहली बार हुआ था.

पिछले चुनावों के नतीजे

  • 1952 में हुए पहले संसदीय चुनाव में रामपुर से कांग्रेस की ओर से डॉ. अबुल कलाम आजाद ने जीत दर्ज की थी.
  • 1952 से लेकर 1971 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा
  • 1977 में एक बार भारतीय लोकदल के प्रत्याशी यहां से जीते. लेकिन कांग्रेस का फिर से यहां पर दबदबा कायम हो गया.
  • 1967 से लगातार तीन बार यहां से कांग्रेस के ज़ुल्फिकार अली खान ने चुनाव जीता.
  • ज़ुल्फिकार कुल 5 बार रामपुर से सांसद रहे.

यह भी पढ़ेंः आजम खान के बाद अब उनके बेटे ने जया प्रदा पर दिया आपत्तिनजक बयान, कही ये बात

  • 1991 और 1998 में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की.
  • 1998 में बीजेपी के टिकट पर मुख्तार अब्बास नकवी यहां से चुनाव जीते थे.
  • 2004 और 2009 में समाजवादी पार्टी की तरफ से बॉलीवुड अभिनेत्री जयाप्रदा यहां से सांसद चुनी गई थीं.
  • 2014 में बीजेपी ने तीसरी बार जीत हासिल की और नेपाल सिंह सांसद चुने गए.