logo-image

बड़े बेआबरू होकर कांग्रेस के कूचे से अरविंद केजरीवाल निकले

गठबंधन को लेकर 'कभी हां कभी ना' के बीच अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को स्पष्ट कर दिया कि आप-कांग्रेस गठबंधन पर कहने के लिए कुछ नहीं है.

Updated on: 01 Apr 2019, 10:48 AM

नई दिल्ली.:

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावनाओं को सिरे से विराम दे दिया है. उन्होंने दो टूक कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को सिरे से नकार चुके हैं. यह अलग बात है कि दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको और अजय माकन हरसंभव गठबंधन चाहते थे, जबकि दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित इसके कतई पक्ष में नहीं थीं.

अरविंद केजरीवाल का यह बयान दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको के बयान से बिल्कुल उलट है, जिसमें पीसी चाको ने कहा था कि बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस और आप को एक साथ आना ही होगा. कई दिन पहले चाको ने कहा था कि गठबंधन को लेकर दोनों ही पार्टियों में विरोध है. हालांकि मोदी और बीजेपी को हराने के लिए आप और कांग्रेस को साथ आना ही होगा.

गठबंधन को लेकर 'कभी हां कभी ना' के बीच अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को स्पष्ट कर दिया कि आप-कांग्रेस गठबंधन पर कहने के लिए कुछ नहीं है. उन्होंने बताया कि इस मसले पर राहुल गांधी के साथ एक ही मीटिंग हुई थी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष ने गठबंधन से स्पष्ट इंकार कर दिया. केजरीवाल ने यह खुलासा आंध्र प्रदेश दौरे से वापस दिल्ली लौटते हुए किया. केजरीवाल आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के निमंत्रण पर महा रैली में हिस्सा लेने गए थे.

गौरतलब है कि दिल्ली कांग्रेस में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर एकराय कभी नहीं रही. कांग्रेस के अजय माकन, सुभाष चोपड़ा, ताजदार बब्बर और अरविंदर सिंह लवली जहां आप से गठबंधन के पक्ष में थे, वहीं दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित और तीन कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र यादव, राजेश लिलोथिया और हारुन युसुफ गठबंधन के विरोध में थे.

कांग्रेस से गठबंधन पर गोपाल राय का इनकार, देखें Video