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लालू यादव के बाद तेजस्वी पर भड़के प्रशांत किशोर, कहा-पिता के बगैर आपकी कोई पहचान नहीं

आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की किताब 'गोपालगंज टू रायसीना-माई पोलिटिकल जर्नी' में नीतीश कुमार के बारे में लिखी गई बातों को लेकर बवाल मचा हुआ है.

Updated on: 05 Apr 2019, 06:19 PM

नई दिल्ली:

आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की किताब 'गोपालगंज टू रायसीना-माई पोलिटिकल जर्नी' में नीतीश कुमार के बारे में लिखी गई बातों को लेकर बवाल मचा हुआ है. किताब में जिक्र है कि महागठबंधन से बाहर होने के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने दोबारा वापस आने की कोशिश की थी. नीतीश कुमार की इन कोशिशों को प्रशांत किशोर आगे बढ़ा रहे थे.

जिसे लेकर प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर इसका जवाब दिया है. जेडीयू के वाइस प्रेसीडेंट प्रशांत किशोर ने इसे बेबुनियाद बताते हुए कहा कि लालू जी का दावा पूरी तरह बकवाल है. यह सिर्फ खबरों में बने रहने के लिए या प्रसिद्धी पाने की ओछी कोशिश है. ये बात सच है कि जेडीयू में शामिल होने से पहले वो कई बार लालू जी से मिले थे. लेकिन अगर वो बताएं कि लालू जी से क्या कुछ बात हुई तो उन्हें शर्मिंदा होना पड़ेगा.

इसके साथ ही उन्होंने तेजस्वी यादव पर भी वार करते हुए कहा, 'आज भी लोगों के लिए आपकी पहचान और उपलब्धि बस इतनी है कि आप लालूजी के लड़के हैं. इसी एक वजह से पिता की अनुपस्थिति में आप RJD के नेता हैं और नीतीशजी की सरकार में डिप्टी सीएम बनाए गए थे, पर सही मायनों में आपकी पहचान तब होगी, जब आप छोटा ही सही पर अपने दम पर कुछ करके दिखाएंगे.'

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लालू यादव अपने किताब के जरिए कहते हैं कि साल 2015 में जब जेडीयू और आरजेडी ने जबरदस्त जीत हासिल की तो मिलकर सरकार बनाई. लेकिन धीरे-धीरे नीतीश कुमार की महत्वकांक्षा आड़े आने लगी और महागठबंधन के सामने कई तरह की चुनौतियां खड़ी हो गईं. नीतीश कुमार को ये लगने लगा कि कहीं न कहीं आरजेडी उनकी राह में रोड़ा बन सकती है और वो उन्होंने गठबंधन से बाहर निकलने का फैसला किया. ये बात अलग है कि वो एक बार फिर महागठबंधन में आने की कोशिश करने लगे. इसके लिए वो प्रशांत किशोर को हमारे पास कई बार भेजे लेकिन हमारा फैसला साफ था.