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NN Opinion poll: अबकी बार किसकी सरकार? चुनाव से पहले जानें देश का मूड

जनता इस बार किन मुद्दों को लेकर चुनाव वोट देने वाली हैं, यह जानने की कोशिश की आपके पसंसदीदा चैनल न्यूज़ नेशन (NewsNation) ने ओपिनियन पोल (opinion poll) के जरिए.

Updated on: 10 Mar 2019, 09:17 PM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान हो गया है. तमाम पार्टियां अब चुनाव को लेकर आखिरी रणनीति बनाने में जुट गई हैं. वहीं जनता भी तय कर चुकी है कि वो किन मुद्दों के साथ इस बार अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाली है. जनता इस बार किन मुद्दों को लेकर चुनाव वोट देने वाली है, यह जानने की कोशिश की आपके पसंदीदा चैनल न्यूज़ नेशन (NewsNation) ने ओपिनियन पोल (opinion poll) के जरिए-

लोकसभा चुनाव 2019 में वोट देते समय आपके लिए सबसे बड़ा मुद्दा क्या होगा ?
लोकसभा चुनाव में इस बार लोग किसी चीज को सबसे बड़ा मुद्दा मानते हैं और उसके हिसाब से ही पोलिंग बूथ पर ईवीएम पर बटन दबाते हैं. न्यूज नेशन ओपिनियन पोल के मुताबिक इस बार के चुनाव में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा बनकर सामने आया है. 21 प्रतिशत लोग रोजगार को सबसे बड़ा मुद्दा मानते हैं. वहीं, महंगाई को 19 प्रतिशत लोग बड़ा मुद्दा बनाते हैं. प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार यह भी एक मुद्दा है और 11 प्रतिशत लोग इससे प्रभावित होकर वोट दे सकते हैं. जबकि भ्रष्टाचार को 9 प्रतिशत लोग बड़ा मुद्दा मानते हैं. वहीं, महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था को 6 प्रतिशत लोग बड़ा मुद्दा मानते हैं. जबकि बिजली-पानी-सड़क को 5 फीसदी लोग बड़ा मुद्दा मानते हैं. वहीं, नोटबंदी-जीएसटी को 5 प्रतिशत लोग मुद्दा मानते हैं. खेती-किसानी से जुड़े मुद्दे को 5 प्रतिशत लोग मुद्दा मानते हैं, वहीं एससी-एसटी एक्ट को 4 फीसदी लोग मुद्दा मानते हैं. जबकि राम मंदिर जिसे लेकर इतना हो हल्ला मचा हुआ है महज 4 प्रतिशत लोग मुद्दा मानते हैं.

आतंकवाद को 3 प्रतिशत लोग लोकसभा चुनाव में एक मुद्दा मानते हैं, वहीं स्थानीय प्रत्याशी को भी 3 प्रतिशत लोग एक मुद्दा मानते हैं. वहीं, सामान्य वर्ग के लिए आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण को 2 प्रतिशत लोग मुद्दा मानते हैं. वहीं, 1 प्रतिशत लोग किसी अन्य चीज को मुद्दा मानते हैं. वहीं, 2 प्रतिशत लोगों ने अभी तक किसी मुद्दे पर अपनी राय नहीं बनाई है.

भारत के अगले प्रधानमंत्री के लिए सबसे उपयुक्त नेता कौन है?
देशवासियों के लिए प्रधानमंत्री कैंडिडेट भी एक बड़ा मुद्दा है और वे इस मुद्दे को लेकर भी वोट देने वाले हैं. 47 प्रतिशत लोग नरेंद्र मोदी को पीएम कैंडिडेट के लिए सबसे अच्छा चेहरा मानते हैं. वहीं राहुल गांधी को 30 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं. जबकि 11 प्रतिशत लोग अन्य चेहरे को पीएम कैंडिडेट के तौर पर देखना चाहते हैं, वहीं 12 प्रतिशत लोगों ने अभी तक कोई राय नहीं बनाई है.

क्या बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं ?
महंगाई को लेकर 2014 में जो एनडीए सरकार ने वादा किया था उसपर खरी उतरी है, इसे लेकर जब पूछा गया तो 46 प्रतिशत लोगों का जवाब हां में था, वहीं 44 प्रतिशत लोग ऐसा नहीं मानते हैं. जबकि 10 प्रतिशत लोगों ने कुछ भी नहीं कहा है.

रोजगार के नए अवसर पर क्या बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं?
पीएम मोदी रोजगार के मुद्दे को लेकर जनता से जो वादा किया था क्या उसे पूरा किया, जब इस सवाल का जवाब न्यूज नेशन ने लोगों से पूछा तो 45 प्रतिशत लोगों ने माना कि एनडीए सरकार ने अपने वादे को पूरा किया है. वहीं, 46 प्रतिशत लोग रोजगार को लेकर एनडीए सरकार से संतुष्ट नहीं है. जबकि 9 प्रतिशत लोगों ने कुछ भी कहने से इंकार किया.

भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में सफल रही एनडीए सरकार?
मोदी सरकार ने कहा था कि वो भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी, क्या वो अपने वादे पर खरी उतरी 51 प्रतिशत लोगों ने कहा कि हां मोदी सरकार में भ्रष्टाचार पर लगाम लगी है. वहीं 40 प्रतिशत लोगों ने ऐसा नहीं माना है, जबकि 9 प्रतिशत लोगों ने कोई राय नहीं रखी है.

स्वच्छ भारत अभियान को लेकर एनडीए सरकार से संतुष्ट हैं?
पीएम मोदी की महत्वकांक्षी योजना कितना सफल रहा इस पर न्यूज नेशन लोगों की राय जाननी चाहिए. 60 प्रतिशत लोगों ने माना की स्वच्छ भारत अभियान सफल रहा है. वहीं 30 प्रतिशत लोग मोदी सरकार के कामकाज से संतुष्ट नहीं है. वहीं 10 प्रतिशत लोगों ने अपनी राय नहीं रखी.

पाकिस्तान को बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार क्या दे रही है मुंहतोड़ जवाब?
58 प्रतिशत लोगों ने माना है कि बीजेपी की सरकार पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे रही है. वहीं 31 प्रतिशत लोगों का कहना है कि पाकिस्तान को करारा जवाब नहीं दिया जा रहा है. वहीं 11 प्रतिशत लोगों ने इसपर कोई राय नहीं बनाई है.

किसानों की आय को लेकर एनडीए सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं?
किसान आए दिन सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरते रहते हैं, क्या किसानों को लेकर मोदी सरकार ने जो वादा किया था उसे पूरा किया. 41 प्रतिशत लोगों ने माना कि किसानों की स्थिति सुधारने के लिए मोदी सरकार ने बेहतरीन काम किया है. वहीं 45 प्रतिशत लोग ऐसा नहीं मानते हैं. जबकि 14 प्रतिशत लोगों ने अपनी राय नहीं रखी.

अर्थव्यवस्था की मजबूती पर एनडीए सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं?
देश की अर्थव्यवस्था को लेकर जनता क्या सोचती है इसपर न्यूज नेशन ने अपने ओपिनियन पोल में राय जानने की कोशिश की. 50 प्रतिशत जनता का मानना है कि मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है. वहीं 35 फीसदी लोग ऐसा नहीं मानते हैं. वहीं 15 प्रतिशत लोगों ने इसपर कोई राय नहीं बनाई है.

मोदी सरकार पांच सालों के कामकाज से संतुष्ट हैं?
मोदी सरकार का कार्यकाल खत्म होने वाला है. इन पांच सालों में मोदी सरकार ने जो कामकाज किया है उससे जनता कितनी खुश हैं? 48 प्रतिशत लोगों केंद्र सरकार से खुश नजर आए. वहीं 36 फीसदी लोग ऐसा नहीं मानते हैं. जबकि 16 प्रतिशत लोग इसपर कोई राय नहीं बनाई है.

क्या मोदी सरकार विदेश से कालाधन वापस ला पाई?
मोदी सरकार ने कालेधन पर कितना काम किया इस सवाल पर 30 प्रतिशत लोग मानती है कि विदेश से मोदी सरकार कालाधन लेकर आई है. जबकि बड़ी संख्या में लोग ऐसा नहीं मानते हैं. 53 प्रतिशत लोगों का कहना है कि कालाधन वापस लाने में मोदी सरकार नाकामयाब रही है. जबकि 17 प्रतिशत लोगों ने अपनी राय नहीं रखी है.



नोटबंदी की वजह से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा?
मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में जो सबसे पहला सख्त कदम उठाया था वो नोटबंदी थी. नोटबंदी से क्या अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ है इस सवाल पर 47 प्रतिशत लोगों ने माना कि हां इससे नुकसान पहुंचा है. वहीं 41 प्रतिशत लोगों ने ऐसा नहीं माना है. 12 प्रतिशत लोगों ने इसपर कोई राय नहीं रखी है.

सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार कम हुआ है या बढ़ा है?
46 प्रतिशत लोगों ने मानना है कि भ्रष्टाचार कम हुआ है, वहीं 37 प्रतिशत लोगों ने माना कि भ्रष्टाचार में इजाफा हुआ है. जबकि 17 प्रतिशत जनता ने इसपर कुछ नहीं कहा.

पीएम मोदी के कद के बराबर देश में कोई दूसरा नेता नहीं है?
पीएम नरेंद्र मोदी एक प्रभावशाली व्यक्तित्व के मालिक हैं. सवाल यह है कि पीएम मोदी के कद के बराबर देश में कोई दूसरा नेता नहीं है. इसपर 55 प्रतिशत लोगों ने सहमति जताई है. जबकि 32 प्रतिशत लोगों को ऐसा नहीं लगता है. जबकि 13 प्रतिशत लोगों ने इसपर अभी तक कोई राय नहीं बनाई है.

मोदी सरकार के ऊपर भ्रष्टाचार का कोई ठोस आरोप नहीं है?
इस सवाल पर 59 प्रतिशत लोगों ने कहा कि मोदी सरकार पर कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है. वहीं 31 प्रतिशत जनता ने इसपर असहमति जताई है. जबकि 10 प्रतिशत ने कहा कि इसपर कुछ कह नहीं सकते हैं.

मोदी सरकार सबका साथ सबका विकास के मंत्र को लेकर काम करती है?
मोदी सरकार 'सबका साथ सबका विकास' के मंत्र पर इन पांच सालों में आगे बढ़ी है, इसपर 51 प्रतिशत लोगों ने सहमति जताई है. जबकि 39 प्रतिशत जनता ने ऐसा नहीं माना है. जबकि 10 प्रतिशत लोगों ने इसपर कोई राय नहीं दी है.

विदेशों में भारत की छवि पहले से बेहतर हुई है?
मोदी सरकार पिछले पांच सालों में भारत की छवि विदेशों में कितनी मजबूत कर पाई है? इसपर जनता से जब पूछा गया तो 62 प्रतिशत लोगों ने कहा कि केंद्र सरकार विदेशों में भारत की छवि को मजबूत करने में सफल रही है. वहीं 26 प्रतिशत लोग ऐसा नहीं मानते हैं. जबकि 12 प्रतिशत लोगों ने इसपर कुछ नहीं कहा है.

बीजेपी नेताओं के हिंदुत्ववादी बयानों से मोदी सरकार की छवि खराब हुई है?

बीजेपी नेताओं के हिंदुत्ववादी बयानों से मोदी सरकार की छवि खराब इस बात से 46 प्रतिशत जनता इत्तेफाक रखती है. जबकि 40 प्रतिशत जनता इसपर अहसमति जताई है. वहीं, 14 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो कुछ कह नहीं सकते हैं.

मोदी सरकार का मुख्य ध्यान विकास पर है या राजनीति पर?
मोदी सरकार का ध्यान विकास पर या राजनीति पर इस सवाल को न्यूज नेशन ने जनता के बीच रखी. 44 प्रतिशत लोगों ने कहा कि मोदी सरकार का ध्यान विकास पर है. जबकि 35 प्रतिशत जनता ने कहा कि राजनीति पर सरकार का ज्यादा ध्यान रहा. वहीं 21 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो कुछ कह नहीं सकते है.

क्या राफेल के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने वाले राहुल गांधी के आरोप में दम है?
राफेल के मुद्दे पर राहुल गांधी के आरोपों के साथ 40 प्रतिशत लोग साथ खड़े नजर आए. वहीं 43 प्रतिशत लोगों ने कहा कि आरोप बेबुनियाद है उसमें कोई दम नहीं है. जबकि 17 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो इसपर कुछ कह नहीं सकते हैं.

क्या सामान्य वर्ग के लिए आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण बीजेपी को पहुंचाएगा लाभ?
सवर्णों के आरक्षण से बीजेपी को चुनाव में फायदा होगा ऐसा 51 प्रतिशत लोगों का मानना है. वहीं 31 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इससे बीजेपी को कोई फायदा नहीं होगा. जबकि 18 प्रतिशत लोगों ने इसपर कुछ नहीं कहा.

क्या लोकसभा चुनाव में वोट डालते समय राम मंदिर का निर्माण आपके लिये मुद्दा होगा?
राम मंदिर क्या वोटिंग के समय आपके लिए मुद्दा होगा, इस सवाल पर 45 प्रतिशत लोगों ने कहा कि हां वो राम मंदिर के मुद्दे पर वोट डालेंगे. जबकि 40 प्रतिशत लोगों के लिए राम मंदिर मुद्दा नहीं है. जबकि 15 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो इसपर कुछ कह नहीं सकते हैं.

पिछले 4.5 साल में कुल मिलाकर आपके जीवन स्तर में क्या बदलाव आया है?
मोदी सरकार में जीवन स्तर में सुधार आया है. इस बात से 43 प्रतिशत लोग इत्तेफाक रखते हैं. वहीं 30 प्रतिशत जनता ने कहा कि जीवन स्तर में कोई सुधार नहीं आया वो पहले की ही तरह है. जबकि 16 प्रतिशत जनता ने कहा कि जीवन स्तर पहले से खराब हुआ. जबकि 11 प्रतिशत जनता ने कहा कि वो इसपर कुछ कह नहीं सकते हैं.